
केरल के सबसे चर्चित सबरीमाला मंदिर को दीपावली के बाद ही आम नागरिकों के लिए खोलने की सहमति बनी है। राज्य के धर्मस्व विभाग ने ये स्पष्ट कर दिया है कि कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के कारण फिलहाल मंदिर में आम श्रद्धालु नहीं जा सकेंगे। दीपावली के बाद 16 नवंबर से मंदिर खुल सकता है। मंदिर में दर्शन शुरू करने को लेकर एक विशेष समिति ने कुछ सुझाव दिए हैं। इन पर अमल हुआ तो ये किसी भी मंदिर में दर्शन करने की सबसे सख्त गाइडलाइन हो सकती है।
इस समय मंदिर का प्रबंधन देखने वाला त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड इसे लेकर कुछ स्पष्ट करने की स्थिति में नहीं है। लेकिन, बोर्ड के मुताबिक समिति ने सरकार को अपने प्रस्ताव भेजे हैं, जिन पर सरकार विचार करने के बाद फैसला लेगी। अगर ये नियम लागू होते हैं तो यहां दर्शन करने वाले हर श्रद्धालु को करीब 24 दिन क्वारैंटाइन रहना होगा। 14 दिन दर्शन से पहले और 10 दिन दर्शन के बाद।
आपको बता दें कि अभी मंदिर में जो पूजाएं हो रही हैं, उसमें किसी को प्रवेश नहीं दिया जाता है। 16 से 21 सितंबर तक मंदिर को मासिक पूजा के लिए खोला जाएगा, लेकिन अभी इसमें किसी श्रद्धालु को प्रवेश नहीं मिलेगा। सरकार इस समय गाइडलाइन तय करने पर काम कर रही है।
दो माह(नवंबर-दिसंबर) सबरीमाला मंदिर के लिए होते हैं खास

नवंबर-दिसंबर के दो महीने सबरीमाला मंदिर के लिए खास होते हैं। मलयालम कैलेंडर में इन्हें मंडलम् और मकरविलक्कू माह कहा जाता है। इन महीनों में यहां अयप्पा स्वामी के दर्शन का महत्व है और मंदिर में विशेष आयोजन होते हैं। करीब डेढ़ महीने यहां श्रद्धालुओं का हुजूम रहता है। पिछले कुछ सालों में इन दो महीनों में यहां दर्शनार्थियों की संख्या 30 लाख तक होती है।
विशेष समिति ने दिए हैं ये सुझाव
- मंदिर में एक समय में 5000 लोगों को प्रवेश मिले।
- मंदिर में रेगुलर कोविड-19 टेस्ट हों।
- कर्मचारियों पर भी ये नियम लागू हों।
- प्रमुख पूजाओं के समय 50 लोगों की ही उपस्थिति रहे।
- ऑनलाइन अनुमति, वर्चुअल क्यू सिस्टम, प्रसाद और हार-फूल जैसी चीजों की मनाही आदि के भी सुझाव हैं।
- दर्शन के लिए 20 साल से कम और 50 साल से अधिक के लोगों को इजाजत ना मिले।
- मंदिर में दर्शन से पहले 14 दिन का क्वारैंटाइन पीरियड आवश्यक हो।
- दर्शन करने के बाद भी 10 दिन का क्वारैंटाइन पीरियड हो।
लंबे समय विवादों में रहा है सबरीमाला मंदिर

सबरीमाला मंदिर काफी समय विवादों में रहा है। इस मंदिर में 10 साल से ज्यादा और 50 साल से कम की महिलाओं को प्रवेश और पूजा की अनुमति नहीं है। इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद भी स्थिति वही है। राज्य में आंदोलन भी हुए हैं और कई महिलाओं के जबरिया तरीके से मंदिर में प्रवेश की कोशिश भी की है।
सबरीमाला मंदिर महिलाओं के लिए वर्जित है, आखिर क्यो?

सबरीमाला अयप्पा स्वामी का मंदिर है। अयप्पा स्वामी को भगवान शिव और भगवान विष्णु के मोहिनी स्वरूप की संतान माना जाता है। जो नदी के किनारे राजा को मिले थे। राजा ने उन्हें पुत्र की तरह पाला था। अयप्पा स्वामी अविवाहित थे। उनके भवन में महिलाओं का प्रवेश निषेध था।

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