
कोरोना महामारी को नियंत्रित करने के लिए इसराइल एक बार फिर देशभर में लॉकडाउन लगाने जा रहा है। इसके तहत यहूदी नव वर्ष से कड़े प्रतिबंध लागू होंगे। इसराइल में दूसरा लॉकडाउन शुक्रवार से शुरू होगा और तीन हफ़्तों तक चलेगा। प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू ने कहा कि इस कदम की "हमें भारी क़ीमत चुकानी होगी", लेकिन इसराइल में अब रोज़ाना संक्रमण के 4,000 मामले सामने आ रहे हैं।
लॉकडाउन ऐसे वक़्त में लगाया जा रहा है कि जब अहम यहूदी त्योहार आ रहे हैं। इस लॉकडाउन के विरोध में एक मंत्री ने इस्तीफा दे दिया है और सत्ताधारी गठबंधन से अपनी पार्टी का समर्थन वापस लेने की धमकी दी है। जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय के आंकड़ों के मुताबिक़, क़रीब 90 लाख की आबादी वाले इसराइल में कोविड-19 से 1,108 मौतें हो चुकी हैं और संक्रमण के 153,000 से ज़्यादा पुष्ट मामले हैं। हाल के हफ़्तों में वहां मामले तेज़ी से बढ़ रहे हैं।
नए प्रतिबंध क्या होंगे?
रविवार को एक टीवी संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि रोज़ाना संक्रमण के चार हज़ार मामले दर्ज किए जा रहे हैं। माना जा रहा है कि ये दूसरा लॉकडाउन इसराइल के लिए महंगा साबित होगा। इससे पहले मार्च के अंत से लेकर मई की शुरुआत तक पहला लॉकडाउन लगाया गया था।
नए प्रतिबंधों के तहत
10 से ज़्यादा लोग अंदर नहीं मिल सकते, वहीं 20 से ज़्यादा लोग बाहर नहीं मिल सकते। स्कूल और शॉपिंग सेंटर बंद कर दिए जाएंगे, और लोगों को अपने घर के 500 मीटर के दायरे के अंदर ही रहना होगा। काम पर जाने वालों को विशेष छूट दी जाएगी। ग़ैर-सरकारी कार्यालय और कारोबार खुले रह सकते हैं लेकिन ग्राहक वहां नहीं जा सकते। सुपरमार्केट और दवा की दुकानें लोगों के लिए खुली रहेंगी।
नेतन्याहू ने माना कि धार्मिक त्योहारों की छुट्टियां मना रहे यहूदी समुदायों को लॉकडाउन से परेशानी होगी। लोग आम तौर पर इन त्योहारों को अपने रिश्तेदारों के साथ मिल-जुलकर मनाते हैं।
उन्होंने कहा, "इस बार ये त्योहार पहले की तरह नहीं होंगे. और हो सकता है कि हम अपने रिश्तेदारों के साथ इन्हें ना मना पाएं।" दूसरे लॉकडाउन से इसराइल की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ेगा, जो पहले से ही महामारी की वजह से मंदी झेल रही है। वित्त मंत्रालय ने अनुमान लगाया है कि इससे 1.88 अरब डॉलर का नुक़सान होगा।
लेकिन प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू का कहना है कि हमें ये करना होगा, क्योंकि ये फैसला महामारी के इस दौर में इसराइल के लिए ज़रूरी है। नेतन्याहू के कोरोना महामारी से निपटने के तरीक़ों की आलोचना होती रही है। आलोचकों का कहना है कि उनकी वायरस से निपटने की नाकामी की वजह से दूसरा देशव्यापी लॉकडाउन लगाना पड़ रहा है।

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