नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली की सियासत पर अपनी सत्ता के लिए भाजपा दशकों से कड़ी मस्कत करती रही है। लेकिन अभी तक दिल्ली की जनता ने उन्हें अवसर नही दिया हाँ ये बात अलग है कि किसी समय यहाँ भाजपा की सरकार थी लेकिन भूतकाल पर जाना सही नही है। दिल्ली मे अभी कुछ दिनों पहले ही नगर निगम की पांच सीटों पर चुनाव हुये लेकिन नतीजा भाजपा के लिए चुनौती बन गया क्योंकि 5सीटों पर एक सीट भी नही जीत सकी।
जानकारी के अनुसार दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार है अरविंद केजरीवाल यहाँ के सीएम है लगातार दुसरी बात केजरीवाल भाजपा को पटखनी देकर सीएम बने हुए हैं। लोकसभा चुनाव मे दिल्ली की सभी सातों सीटों पर भाजपा ने अपना परचम फहराया था लेकिन मात्र एक साल के अंदर जब विधान सभा का चुनाव हुआ तो शर्मनाक हार झेलनी पडी जिसकी सबसे बडी वजह थी दिल्ली भाजपा के पास कोई भी ऐसा नेता नही था जोकि केजरीवाल को टक्कर देने के योग्य हो।
दिल्ली सरकार अपनी तमाम कल्याणकारी योजनाओं से दिल्ली की जनता तथा हर तबके पर अपनी मजबूत पकड़ बना लिया है आने वाले नगर निगम के चुनावों मे अगर आम आदमी पार्टी की सीटो मे इजाफा हुआ तो भाजपा के लिए सबसे बडी चुनौती आने वाले लोकसभा चुनाव पर होगा।
हालांकि दिल्ली विधानसभा चुनाव में हार के बाद भाजपा ने प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी को पद से हटा कर आदेश गुप्ता को नया अध्यक्ष चुना था लेकिन नगर निगम के उपचुनावों के नतीजों ने साफ कर दिया है कि दिल्ली भाजपा को सत्ता अभी कोसो दूर है। तथा जो बनी बनाई पैठ है उसको भी आम आदमी पार्टी सेंध लगाने की पूरी कोशिश कर रही है।
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