राजेश शास्त्री, संवाददाता
सिद्धार्थनगर / उत्तर प्रदेश। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में दिव्यांग, बीमार, गर्भवती एवं दंपति कर्मचारियों कि ड्यूटी लगने से जहां एक ओर ऐसे शिक्षक एवं कर्मचारी काफी हैरान एवं परेशान हैं वही तमाम स्वस्थ शिक्षक एवं कर्मचारी चुनाव की ड्यूटी न आने से काफी प्रसन्न है। विकास भवन में एकत्र ऐसे शिक्षकों एवं कर्मचारियों का कहना है कि हम सभी जानते हैं कि चुनाव के इस उत्सव में सबकी भागीदारी होनी चाहिए परंतु ईश्वर की इच्छा के आगे हर कोई बेबस व लाचार है, कोई भी व्यक्ति जानबूझ कर बीमार व दिव्यांग नहीं होना चाहता।
वहां उपस्थित तमाम दिव्यांग शिक्षकों एवं कर्मचारियों का कहना है कि उनकी भी यही इच्छा है कि वह लोकतंत्र के इस पवित्र पर्व में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें तथा वे भी चाहते हैं कि चुनाव ड्यूटी में शामिल होकर अपने कर्तव्य और दायित्वों का निर्वहन करें परंतु हम लोगों की व्यावहारिक समस्याएं शायद कोई दिव्यांग ही समझ सकता है, यह पीड़ा विकास भवन में आए हुए तमाम दिव्यांग शिक्षक एवं कर्मचारियों की है।
इन लोगों ने जिला अधिकारी एवं मुख्य विकास अधिकारी से सहानुभूति पूर्वक विचार करने की मांग किया है, वही एक दंपति जो कि दोनों लोग कर्मचारी हैं उन दोनों लोगों की चुनाव में ड्यूटी लगा दी गई है उनका कहना है कि किसी के घर में छोटी बच्ची तो किसी के घरों में वृद्ध माता पिता हैं। ऐसी स्थिति में यदि दोनों लोगों की चुनाव में ड्यूटी लग जाएगी तो उनके घरों पर विभिन्न प्रकार की कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा।
जबकि निर्वाचन आयोग द्वारा दंपति में से इच्छुक किसी एक कर्मचारी की ही ड्यूटी लगाए जाने तथा को मुक्त करने हेतु सहानुभूति पूर्वक विचार करने की बात कहीं गई है, विकास भवन में एकत्र महिला शिक्षक एवं कर्मचारियों कहना है कि इस बार कर्मचारियों की कमी होने पर दूसरे जिलों से भी कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जा सकती है फिर भी दिव्यांग गर्भवती एवं बीमार की ड्यूटी इस जिले में लगा दी गई है।जोकि चुनाव वाले दिन तमाम प्रकार की व्यावहारिक समस्याएं उत्पन्न कर सकते हैं, महिला कर्मचारियों का कहना है कि उनकी ड्यूटी कार्यस्थल से काफी दूर लगा दी गई है।
जिससे उनको भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है, उपस्थित शिक्षकों व कर्मचारियों का कहना है कि ड्यूटी लगाने का मानक समझ से परे है तथा अभी भी बहुत से ऐसे स्वस्थ शिक्षक /कर्मचारी हैं जिनका नाम अज्ञात कारणों से चुनाव में ड्यूटी आया ही नहीं है और दिव्यांग, गर्भवती, बीमार, महिला एवं दंपति शिक्षक एवं कर्मचारियों की ड्यूटी लगा दी गई हैं, शिक्षकों व कर्मचारियों ने जिलाअधिकारी एवं मुख्य विकास अधिकारी से उनके प्रार्थना पत्र पर सहानुभूति पूर्वक विचार करने की मांग किया है।


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