- शहर कोतवाल की भूमिका पर लग रहा सवालिया निशान
अरबिन्द श्रीवास्तव
बांदा। कोरोना काल में जुआं माफिया मालामाल हो रहे हैं। शहर के मर्दननाका, खाईंपार, खुटला, निम्नीपार सहित आधा दर्जन मुहल्लों ने नालबंद जुआड़खाने धड़ल्ले से आबाद हैं। इन जुआड़खानां में रोजाना लाखों का वारा न्यारा हो रहा हैं। सूत्र बताते हैं कि शहर कोतवाली प्रभारी की शह पर इस समय जुआं माफिया खुलेआम नालबंद जुआं खिलवा रहे हैं।
बताते चलें कि कोरोना महामारी में जहां लॉकडाउन में व्यापारियों का धंधा चौपट कर दिया तो वहीं दूसरी ओर थाना कोतवाली प्रभारी की सरपरस्ती में जुआं माफिया मालामाल हो रहे हैं। कोतवाली प्रभारी को चढ़ौना चढ़ाकर रोजाना उनकी फड़ों में लाखों का वारा न्यारा हो रहा है।
हैरानी की बात तो यह है कि खुलेआम चल रहे इन जुआंड़खानों की आला अधिकारियां को भनक तक नहीं लग रही है। अन्दर खाने से मिली जानकारी के अनुसार कोतवाली प्रभारी लाखों रूपये की मासिक वसूली जुआंड़खाना संचालकों से करके उन्हें खुलेआम जुआंड़खाना चलाने की छूट दे रखी है। यदि ऐसा ही चलता रहा तो ना जाने के कितने गरीब तबके के लोग लोग इनके चंगुल में फंस के बर्बाद हो जायेंगे।
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