- पुलिस ने नाबलिग को डंडों से पीटा, पुलिस को मारने का आदेश दिया किसने
विशेष संवाददाता सूरज सिंह
बाराबंकी। योगी सरकार ने 17 मई तक लॉकडाउन घोषित कर रखा है कुछ पटरी दुकानदारों को घर चलने मे काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा क्योंकि उनके पास अन्य कोई आय का स्त्रोत नही है लेकिन रामसनेही घाट पुलिस ने गरीब और असहाय लोगों एवं बच्चों पर पुलिस लाठियां बरसाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है।
यह मामला शुक्रवार का है। भिटरिया दरियाबाद हाईवे के किनारे ठेला लगाकर नाबालिग अपने घर का भरण पोषण में जुटा था तभी रामसनेहीघाट पुलिस ने पहुंचते ही नाबालिग पर लाठियां बरसाना शुरू कर दिया। ठेले पर रखा सामान भी फेंक दिया। अगर नाबालिक ठेले पर रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने के लिए सामान को बेच रहा था पुलिस को नाबालिग के साथ मारपीट ना कर के शांतिपूर्वक समझा कर भी भेज सकते थे।
लेकिन पुलिस का डंडा केवल असहाय गरीब लोगों पर चलना जानती है। जबकि भिटरिया सुमेरगंज बेलहा चौराहे पर चूडी एवं अन्य दुकाने की पुलिस के रहमोकरम से दिनभर चलती है। जबकि लॉकडाउन का उलंघन कोतवाली रामसनेही घाट के चंद कदमो की दूरी पर भी हो रहा था।
बाराबंकी पुलिस अधीक्षक क्या नियम केवल गरीब पटरी दुकानदारों पर लागू है। आखिर नाबालिग बालक को मारने का आदेश क्या योगी सरकार ने दे रखा है। बाराबंकी के तेजतर्रार पुलिस अधीक्षक नाबालिक को मारने वाले पुलिस पर क्या कार्रवाई करते हैं या तो समय के गर्भ में है।
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