राजेश शास्त्री, संवाददाता
बांसी, सिद्धार्थनगर। जिले के विकासखंड बांसी अन्तर्गत स्थित सी एच सी बसन्तपुर में स्वास्थ्य विभाग में अब नियम और कानून का कोई डर नहीं रहा। और जला दी जाती हैं यही जीवन रक्षक दवाएँ। एफआरयू/पीएचसी की जगह सीएमओ कार्यालय में नियम विरुद्ध तरीकों से किए जा रहे कार्य के अन्तर्गत एक ज़िम्मेदार पद पर कैसे तैनात हैं। यह डॉक्टर जो जॉच का विषय बनता है। मूलभूत जिम्मेदारियों को ताक पर रखकर जिले के मुख्य चिकित्सधिकारी कार्यालय में नियम विरुद्ध तरीके से बनाया गया।
कई महत्वपूर्ण योजनाओं का नोडल जिससे वर्षों से पद का हो रहा है दुरुपयोग इसलिए विगत कई वर्षों से डॉक्टर राजीव रंजन पर जिले का स्वास्थ्य विभाग आख़िर क्यों मेहरबान है यह उच्चस्तरीय जांच का विषय बनता है। मज़े की बात तो यह है कि स्वास्थ मंत्री के गृह जनपद में जनपद के स्वास्थ विभाग व जिला प्रशासन इस डॉक्टर को लेकर आखिर क्यों नहीं कार्रवाई करते है। आख़िर कब तक टूटेगी प्रशासन की चुप्पी और कैसे होगी निष्पक्ष जाँच।
इस सम्बन्ध में भुक्तभोगी मरीज़ों व उनके परिजनों का कहना है कि चन्द रुपयों के लालच में यह डॉक्टर मरीज़ों के जीवन के साथ कमीशन लेने के चक्कर में जो दवायें मरीज़ों में बांटा जाना चाहिए। उसे स्टोर रूम में ही बन्द रहनें दिया जा रहा है। और बदले में मरीज़ों के परिजनों को बाहर स्थित चिन्हित मेडिकल स्टोरों से दवा लानें के लिए केवल पर्चा थमा दिया जाता है। इसलिए इन डॉक्टरों का कमीशन तो बन जाता है किन्तु बर्बाद हो जाता है। मरीज़ों का स्वास्थ्य और यही जीवन रक्षक दवाएं एक्सपायर होनें के बाद या तो कूड़ेदान में चला जाता है या फिर अग्नि की भेंट चढ़ जाता है।
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