राजेश शास्त्री, संवाददाता
ज्योतिष में त्रिपुष्कर योग को काफी शुभ योग माना गया है। कहा जाता है कि इस दौरान किये गये कार्यों में इंसान को सफलता प्राप्त होती है। तीन ग्रहों के मिलने से यह योग बनता हैं और खासकर शनिवार और रविवार के दिन आने वाले इस योग से जबरदस्त फायदा हो सकता है। मंगल, शनि और रवि इनमें से किसी भी दिन आने वाली द्वितीया, सप्तमी या द्वादशी तिथि को त्रिपुष्कर योग कहते हैं। इस योग में धन लाभ होने से तिगुना फायदा मिलता है। यह भी माना जाता है कि इस दौरान किए गए शुभ कार्यों को जीवन में तीन बार करने का मौका मिलता है। मकान, वाहन, आभूषण या कोई कीमती वस्तु बनाने के लिए यह योग शुभ होता है।
त्रिपुष्कर योग में करें ये कार्य
तिगुना लाभ मिलने वाले इस योग के दौरान धन संबंधी शुभ काम करने चाहिए। पूजा-पाठ करना और धार्मिक यात्राएं करना भी काफी शुभ हो सकता है। कीमती वस्तु जैसे सोना या चांदी की खरीदारी की जा सकती हैं। इस योग के दौरान जमा किया हुआ पैसा आपके लिए फलदायी साबित हो सकता है जिससे भविष्य में आपका बैंक बैलेंस बढ़ने की संभावना ज्यादा होती है। आप इस शुभ समय में अपने लिए जमीन जायदाद खरीद सकते हैं इससे आपकी संपत्ति में बढ़ोतरी होने के आसार होते हैं। साथ ही व्यापार से जुड़े बड़े सौदे करने के लिए यह समय उचित होता है।
त्रिपुष्कर योग में कभी न करें ये कार्य
इस योग के समय किसी भी काम को करते समय सावधानी रखनी चाहिए। क्योंकि इस समय किये गये कामों का फल तिगुना मिलता है इसलिए इस दौरान कर्ज लेने से बचना चाहिए। साथ ही वस्तुओं को विक्रय यानी बेचने से बचें। किसी कीमती वस्तु का खोना इस दौरान अशुभ माना गया है। वहीं मान्यता ये भी है कि रविवार, मंगलवार, संक्राति का दिन, वृद्धि योग, द्विपुष्कर योग, त्रिपुष्कर योग, हस्त नक्षत्र में लिया गया ऋण कभी नहीं चुकाया जाता। अंत: इन दिनों में ऋण का लेना-देना भी निषेध माना गया है। त्रिपुष्कर योग में मनुष्य को गलत कार्य नहीं करने चाहिए। इस दौरान किसी वस्तु को न बेचें। इस योग में खरीदारी करना आपके लिए फायदे का सौदा हो सकता है।
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