तालीमी बेदारी इंडिया की वर्चुअल गोष्ठी में "मध्य पूर्व के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में उच्च शिक्षा की संभावनाएं एवं भविष्य" विषयक परिचर्चा का किया गया आयोजन


सग़ीर ए खाकसार

लखनऊ। तालीमी बेदारी इंडिया की वर्चुअल गोष्ठी में "मध्य पूर्व के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में उच्च शिक्षा की संभावनाएं एवं भविष्य" विषयक परिचर्चा का आयोजन किया गया। गोष्ठी में देश विदेश के शिक्षाविदों ने हिस्सा लिया और शिक्षा के महत्व पर प्रकाश डाला। शिक्षाविदों ने लोगों उच्च शिक्षा, स्कालरशिप व कॅरियर आदि से सम्बंधित के सवालों के जवाब भी दिए। स्काइलाइन यूनीवर्सिटी शारजाह की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ काकुल आगा ने गोष्ठी को बतौर मुख्यातिथि संबोधित करते हुए कहा दुबई अब सिर्फ सैर सपाटों की और घूमने की जगह नहीं है यह अब "एजुकेशन हब" के रूप में बदल गया है। 


शिक्षा को लेकर लोगों की सोंच बहुत आधुनिक और प्रगतिशील है। यहां क्यू एस रैंकिंग की यूनिवर्सिटी हैं। पिछले पचास सालों में शिक्षा में शिक्षा में बड़े बदलाव हुए हैं।उच्च शिक्षा हासिल करने के लिए अच्छे अच्छे विश्वविद्य्यालय हैं जहां पढ़ाई कर के छात्र अपना  कॅरियर बना सकते हैं।
गोष्ठी को अमेरिकन यूनिवर्सिटी एमिरेट्स के प्रोफेसर डॉ सयैद खालिद इक़बाल हैदर, आदिल अख्तर (दुबई), डॉ हलीमा सादिया (दुबई), तालीमी बेदारी के सरपरस्त अख्तर हुसैन, दुबई, शमीम अख्तर, तालीमी बेदारी के अध्यक्ष डॉ वसीम अख्तर, डॉ अब्दुल गनी अलकूफ़ी(नेपाल), इंजीनियर इरशाद अहमद अलीग आदि ने संबोधित किया। अध्यक्षता जदीद आलिमे दीन डॉ. अब्दुल कलाम कासमी शम्शी (बिहार), संचालन सग़ीर ए ख़ाकसार ने किया।

गोष्ठी में डॉ खुर्शीद अहमद, डॉ सौदुल हसन, अहमद फरीद अब्बासी, मुस्तन सेरुल्लाह, शीरीन उम्र, हसनैन कमाल, मारूफ हुसैन, आमिर रज़ा, शोएब कमर खान, हिसामुद्दीन अंसारी, अकरम पठान, आरिज़ कादरी, निहाल अहमद, डॉ अहसान खान, अंसार अहमद खान, कनीज़ फात्मा, अनस अहमद, कमरुल चौधरी, सयैद मेंहदी, सान्या अंसारी, शकील अहमद खान, मुजीबुर्रहमान आदि के अलावा दर्जनों लोगों ने शिरकत की।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ