दुर्गेश तिवारी
गोरखपुर। आज दुनिया के तमाम देश जहां कोरोनावायरस महामारी से जूझ रहे हैं वहीं टीबी एक अन्य बड़ी समस्या बनकर उभरी है। संयुक्त राष्ट्र संघ ने टीवी उन्मूलन के लिए 2030 तक लक्ष्य रखा है और इसको सतत विकास के गोल 3 में शामिल किया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2025 तक भारत को टीवी मुक्त करने का लक्ष्य रखा है। इसी के सापेक्ष मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और महामहिम राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने सरकारी और गैर-सरकारी संस्थाओं, अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से टीबी ग्रसित बच्चों को गोद लेने की बात कही है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आवाहन पर कलाम फाउंडेशन गोरखपुर चैप्टर ने गोरखपुर में टीवी से ग्रसित बच्चों को गोद लेकर गोरखपुर को टीवी मुक्त बनाने का अभियान शुरू किया है जिसमें फाउंडेशन सामाजिक संस्थाओं और जनप्रतिनिधियों से अपील कर रहा है कि वह अधिक से अधिक टीबी ग्रस्त बच्चों को गोद लें और उनकी देख रेख में सहयोग करें।
गोद लेने वाले बच्चों को गुड़, चना, केला, सोयाबीन, बिस्कुट आदि पोषक आहार दिया जा रहा है। पोषण पदार्थ के साथ-साथ ऐसे बच्चों और उनके परिवार जनों को प्रति सप्ताह टेलीफोन और विजिट के माध्यम से समय से दवा लेने और टीबी के मरीज को सामाजिक दूरी बनाने एवं अन्य आवश्यक सलाह दिए जा रहे हैं। कोरोना संक्रमण काल में टीबी मरीजों को खासकर टीबी ग्रसित बच्चों को और अधिक खतरा बढ़ जाता है क्योंकि उनका इम्यून सिस्टम अच्छा नहीं होता है और पोषण की कमी होती है।
गोरखपुर जनपद में लगभग 2500 टीबी ग्रस्त बच्चों को चिन्हित किया गया है। इन बच्चों को सहयोग करने और गोरखपुर जनपद को टीबी मुक्त करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान में सभी वर्गों की भागीदारी आवश्यक है। कलाम फाउंडेशन ने अभी तक कुल 10 बच्चों को गोद ले चुका है। इसमें आज चौरी चौरा के अवधपुर की एक और इब्राहिमपुर की दो लड़कियों को गोद लेकर टीबी उन्मूलन हेतु सहयोग किया गया है।
फाउंडेशन के वालंटियर प्रत्येक सप्ताह में फोन के माध्यम से उनका हालचाल जानेंगे और जिला प्रशासन को अवगत कराएंगे। यह जानकारी कलाम फाउंडेशन के कार्यक्रम अधिकारी अंबर वन्दोपाध्याय ने दी है। इस अभियान में सोशल इम्पावरमेंट सोसायटी के स्वप्निल पाठक का सहयोग मिला।
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