- कमासिन शाखा बनी दलाली का हब
- ऋण के नाम पर कमीशन खोरी का खेल जारी, बिना कमीशन नही होता लोन
कमासिन, बाँदा। स्थानीय कस्बे में स्थिति इंडियन बैक पूरी तरह दलालों के कब्जे में है, जहां बैंक कर्मियों की मिलीभगत से हर दिन गरीब लोग दलाली के शिकार होते रहते हैं। खबरों के मुताबिक इंडियन बैंक कमासिन शाखा ग्रामीण क्षेत्र में स्थापित होने के कारण यहां हर दिन भीड-भाड का माहौल रहता है। ग्रामीण क्षेत्र होने के कारण अशिक्षित लोगों का भी बैंक पर खाता खुला है। जिसके कारण निकासी व जमा करने के लिए ऐसे अशिक्षित लोग भी बैंक जातें हैं, और बैंक पर बैठे दलालों के शिकार होते रहते हैं।
दलाल उनका निकासी फार्म भर कर उनसे सौ से दो सौ रुपये ले लेने का कार्य करते रहते है, और बैंक कर्मी उन दलालो को पूरा संरक्षण देते हैं, क्योंकि दलालों की दलाली से बैंक कर्मी भी मालामाल होते है।क्षेत्र के बछौन्धा निवासी लाला सिंह, खमरखा निवासी शिवनरेश मिश्रा,इटर्रा निवासी अखिलेश शुक्ला सहित दर्जनों किसानों ने बताया कि कमासिन मे स्थित इंडियन बैंक पर कुछ कथाकथित दलालों के नाम का सिक्का चलता है, जहां केसीसी के नाम रोज बैंक कर्मियों के सांठ-गांठ से किसान दलालों के चंगुल में फसते रहते हैं।
बताया गया कि कमासिन उपरोक्त बैंक के कर्मचारियों के पास जब कोई भी किसान केसीसी के लिए जाता है तो वह उससे सीधे मुंह बात नहीं करते और उसे भीड़ का हवाला देकर लगातार दौडते रहते हैं, भागदौड़ से थकहार कर किसानों को मजबूरन दलालों के शरण में जाना पड़ता है। और दलालों की पैरवी पर वही बैंक कर्मी कुछ संबंधित कागज पर दस प्रतिशत कमीशन पर तत्काल केसीसी बनाने को तैयार हो जाते है, जिसमें दलाल और बैंक कर्मचारियों की बराबर की हिस्सेदारी होती है। उक्त किसान ने बताया कि जब केसीसी का पैसा निकालने के दौरान बैंक के कर्मचारी बैंक ऑफ के समय या खुलने के समय ही बुलाते हैं, और वह पैसा दलाल के सामने किसान को देते है। जिसमें दलाल दस प्रतिशत का कमीशन वहीं लेकर बैंक के कर्मचारियों के साथ बंदरबांट करते हैं।
हैरानी की बात तो यह है कि किसान बैंक को अपनी जमीन गिरवी रखकर केसीसी (लोन) करवाता है बैंक से निकले सम्पूर्ण धनराशि को वह ब्याज सहित बैंक को अदा भी करता है, अगर समयानुसार कृषक पैसे देने मे स्मर्थ है तो उसके जमीन की नीलामी भी हो जाती है। और यहां किसानों के पैसों से बैंक कर्मचारी और दलाल मालामाल होते रहते हैं। वहीं केंद्र और राज्य सरकार किसानों के हितों मे दिन रात कार्य कर रही है,और उनकी आमदनी बढ़ाने के जुगत में लगी हुई है, परंतु कुछ सरकारी भ्रष्ट कर्मचारियों की वजह से सरकार के सभी प्रयास असफल होते नजर आ रहे हैं, और लोग दलाली के शिकार हो रहे हैं।
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