- 25 फीसदी युवाओं ने लगवाई कोरोना वैक्सीन
- 2.80 लाख आबादी ने ली कोरोना की पहली डोज
- 4.82 प्रतिशत ने लगवाई दूसरी डोज
बांदा। जनपद में कोरोना संक्रमण से लोगों के बचाने के लिए टीकाकरण का अभियान तेजी से चल रहा है। युवाओं में टीकाकरण को लेकर उत्साह दिख रहा है। अफवाहों को दरकिनार कर युवाओं की भीड़ टीकाकरण केंद्रों पर पहुंच रही है। वैक्सीन की पर्याप्त उपलब्धता न होने के बावजूद भी अब तक करीब 25 फीसदी लोगों ने वैक्सीन लगवाकर को खुद को प्रतिरक्षित कर लिया है। इनमें 4.82 प्रतिशत लोगों ने दूसरी खुराक भी लगवा ली है।
जनपद की मौजूदा समय में करीब 20 लाख आबादी हो चुकी है। इनमें सरकारी आंकड़ों के अनुसार 18 वर्ष से अधिक उम्र करीब 11 लाख लोग शामिल हैं। जनवरी माह से ही जिले में कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए टीकाकरण की जोरशोर के साथ शुरुआत हुई थी। चरणबद्ध तरीके से स्वास्थ्य कर्मी, फ्रंटलाइन वर्कर्स को टीके से सिक्योर करने के बाद जनता की बारी आई और सबसे पहले बुजुर्गों व विभिन्न बीमारियों से ग्रसित 45 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को मौका दिया गया। अगले चरण में 45 वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोगों का टीकाकरण शुरू हुआ और मई से 18 वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोगों को टीका लगाया जा रहा है।
इन दिनों ग्रामीण क्षेत्र तक पहुंच आसान करने के मकसद से अभियान को और विस्तृत किया गया है। वैक्सीन की आपूर्ति व्यवस्था चरमराने से अभियान की रफ्तार धीमी हुई। फिर भी अब तक जिले में टीकाकरण की स्थिति बेहतर रही है। स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार 22 जुलाई तक 3,33,311 लोगों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है। इनमें 2,80,255 लोगों को पहली खुराक दी गई है, जबकि 53056 लोगों ने दूसरी खुराक भी ले ली है।
मुख्य चिकित्साधिकारी डा.वीके तिवारी का कहना है कि वैक्सीन की कमी की वजह से योजना के अनुरूप पूरी तरह टीकाकरण नहीं हो पा रहा है। फिर भी उपलब्धता के सापेक्ष तेजी से टीकाकरण किया जा रहा है। युवाओं में उत्साह भी दिख रहा है। पर्याप्त वैक्सीन उपलब्ध होने पर अभियान को और तेजी से चलाया जाएगा। इसके लिए माइक्रोप्लान पहले से ही तैयार किया गया है।
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