- मीडिया संस्थानों पर छापामारी एवं हमला, लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के अभिव्यक्ति का गला दबाने की कोशिश
राजेश शास्त्री, संवाददाता
नई दिल्ली। भारतीय मीडिया फाउंडेशन नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय कार्यालय से जारी बयान में भारतीय मीडिया फाउंडेशन के संस्थापक एके बिंदुसार ने कहा कि दैनिक भास्कर एवं भारत समाचार टीवी जैसे बड़े संस्थानों एवं वरिष्ठ पत्रकारों के ऊपर आयकर रेड की कार्रवाई देश की मीडिया और उसकी स्वतंत्रता पर जबरदस्त हमला है। उन्होंने कहा कि संविधान के अनुरूप समृद्ध भारत के नव निर्माण के सिद्धांत के तहत कार्य करने वाले मीडिया की आवाज़ दबाने की नाकाम कोशिश की जा रही है।
सत्ता के इशारे पर इस तरह से लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर लगातार जो हमले हो रहे हैं इस पर देश के सर्वोच्च न्यायालय एवं संविधान पीठ अपने संज्ञान में लेते हुए सामान कानून व्यवस्था के तहत आयकर विभाग के ऊपर उचित कार्रवाई करनी चाहिए। जिससे देश के आम नागरिकों का विश्वास कानून पर बना रहे हैं उन्होंने कहा कि जिस तरीके से बदले की भावना से कार्य किया जा रहा है यह संविधान विरोधी कार्य है।
उन्होंने कहा कि देश के पत्रकारों को अब यह समझ लेना चाहिए कि दो बड़े मीडिया संस्थानों के ख़िलाफ़ आयकर रेड की कार्रवाई देश की मीडिया को एक संदेश है कि अगर यहां सत्ता और सत्ता में बैठे लोगों की विशेष व्यक्ति पूजा नहीं की तो उसके पीछे जांच एजेंसियां छोड़ दी जाएंगी और तमाम कई फर्जी मुकदमे लगा दिए जाएंगे। ऐसे संविधान विरुद्ध कार्रवाई का भारतीय मीडिया फाउंडेशन पुरजोर विरोध करती हैं। उन्होंने कहा कि जब लोकतंत्र के चौथे स्तंभ मीडिया की स्वतंत्रता पर जबरदस्त हमले प्रारंभ हो गए हैं यह कहना गलत नहीं होगा कि देश अब खतरे में पड़ गया हैं।
एके बिंदुसार, भारतीय मीडिया फाउंडेशन के संस्थापक |
उन्होंने कहा कि यह साफ होना चाहिए कि सत्ता पक्ष के इशारे पर यह रेड की कार्रवाई हुई है या कुछ फिरका परस्तों के इशारे पर जिससे किसी को भी राजनीति करने का मौका ना मिले। उन्होंने देश के सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश एवं महामहिम राष्ट्रपति महोदय, माननीय प्रधानमंत्री महोदय एवं उत्तर प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री महोदय सहित विभिन्न राज्यों के माननीय मुख्यमंत्री महोदय से उचित कार्रवाई करने की मांग की।
उन्होंने कहा कि जिन-जिन राज्यों में आयकर विभाग का रेट पड़ा है वहां की सरकार को अपना स्पष्टीकरण संपूर्ण मीडिया के समक्ष आकर देना चाहिए। उन्होंने देश के पत्रकार संगठनों एवं पत्रकार बंधुओं से अपनी आवाज को बुलंद करने की अपील करते हुए कहा कि अगर अब आप शांत बैठेंगे तो इसी तरह बारी-बारी से लोकतंत्र के चौथे स्तंभ मीडिया संस्थानों के दमन का कार्य चलता रहेगा।
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