देश के पत्रकार एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं को प्रतिमाह ₹25000 सुरक्षा भत्ता देने की मांग की : एके बिंदुसार

वाराणसी। भारतीय मीडिया फाउंडेशन के संस्थापक  श्री ए के बिंदुसार ने  पत्रकार एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं को स्वालंबन बनाने की आवाज को उठाते हुए कहा कि मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तंभ हैं, मीडिया से जुड़कर कार्य करने वाले समस्त पत्रकारों एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं को उनके स्वालंबन हेतु केंद्र एवं राज्य सरकार आपसी सहमति बनाकर प्रतिमाह ₹25000 सुरक्षा भत्ता देने का कार्य करें। उन्होंने कहा कि देश में अवैतनिक अपनी सेवा देने वाले पत्रकारों एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं की हालत वर्तमान समय में बहुत ही दयनीय होती चली जा रही है। 

आए दिन पत्रकारों एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं के उत्पीड़न के मामले भी चरम सीमा पर है उन्होंने कहा कि आज पत्रकार एवं सामाजिक कार्यकर्ता पूरी ईमानदारी के साथ कार्य कर रहे हैं जिसके कारण उनके सामने भुखमरी की स्थिति पैदा होती चली जा रही है देश को सशक्त एवं समृद्ध बनाने की दिशा में कार्य कर रहे देश के सामाजिक कार्यकर्ताओं व पत्रकारों को सरकार की तरफ से सुरक्षा भत्ता प्रदान करने की आवश्यकता है। उन्होंने सामाजिक सुरक्षा से जुड़े कानूनों की चर्चा करते हुए कहा कि कर्मचारी प्राविडेंट फंड एक्ट 1952, मातृत्व लाभ एक्ट 1961, और असंगठित श्रमिक सामाजिक सुरक्षा एक्ट 2008 , का प्रावधान है।  

सामाजिक सुरक्षा उन उपायों को कहा  जाता है जो कि श्रमिकों को स्वास्थ्य सेवा संबंधी सुविधा और सुरक्षा के प्रावधान को सुनिश्चित करते हैं। उन्होंने कहा कि असंगठित कामगार सामाजिक सुरक्षा अधिनियम 2008 भारत की संसद द्वारा पारित एक अधिनियम है जो भारत के असंगठित श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से बनाया गया है। 30 दिसंबर 2008 को भारत के महामहिम राष्ट्रपति महोदय ने इसे अपनी स्वीकृति  प्रदान की थी। 

आज वर्तमान में हालात् को देखकर यह प्रश्न लग रहा है कि जिस असंगठित कामगार सामाजिक सुरक्षा अधिनियम को 2008 को लागू किया गया था आज वह कागजों पर सीमिट कर क्यों रहा गया है? उन्होंने केंद्र एवं राज्य सरकारों से मांग करते हुए कहा कि पत्रकार एवं सामाजिक कार्यकर्ता भी असंगठित कामगार हैं, असंगठित क्षेत्र समाज के उपेक्षित क्षेत्रों में से एक है तथा वे देश के नागरिक होने के कारण काम का अधिकार, न्यायोचित एवं मानवीय कार्य व्यवस्था, निर्वाह, मजदूरी, मातृत्व लाभ तथा उचित जीवन स्तर के समान रूप से हकदार हैं।

 उपरोक्त अधिनियम के अंतर्गत उन्हें भी सामाजिक सुरक्षा प्रदान किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पत्रकार एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ सौतेला व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा इसके लिए एक निर्णायक जंग लड़ी जाएगी। श्री ए के बिंदुसार ने पत्रकार एवं सामाजिक कार्यकर्ता बंधुओं से अपील करते हुए कहा कि अपने अधिकारों के प्रति हमें जागरूक रहने की जरूरत है टुकड़ों में बटकर  नहीं बल्कि एक महामोर्चे के बैनर के नीचे आकर एक महा क्रांति करनी होगी सभी पत्रकार बंधुओं एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं का संवैधानिक अधिकार मिल पाएगा। 

उन्होंने भारतीय मीडिया फाउंडेशन सहित देश के समस्त पत्रकार संगठनों के पदाधिकारियों से अपील करते हुए कहा कि आप अपने अधिकारों की लड़ाई को लड़ने के लिए तैयारी करें, अंतर्राष्ट्रीय मीडिया अधिकार महामोर्चा जो आपके नेतृत्व के लिए तैयार हो चुका है आप अपने संगठन के बैनर के साथ महामोर्चे में शामिल होकर अपने संवैधानिक अधिकारों की आवाज को उठाएं।



एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ