- लगातार बढ़ रहा केन और यमुना का जलस्तर
बांदा। मध्य प्रदेश की घाटियों में हो रही बारिश के चलते बांदा में केन नदी और यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है।जहां यमुना का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया ,वहीं केन नदी का जलस्तर फिलहाल खतरे के लाल निशान से लगभग साढे तीन मीटर नीचे बह रहा है। उधर यमुना का जलस्तर बढ़ने से कई गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक शुक्रवार को शाम लगभग 6 बजे केन नदी का जलस्तर 100. 45 मीटर रिकॉर्ड किया गया।केन का खतरे का निशान 104 मीटर है। वही यमुना का खतरे का निशान 100 मीटर है जो जो बढकर 100.28 मीटर पर पहुंच गया है। दोनों नदियां प्रति घंटे 3 से 4 सेंटीमीटर बढ़ रही हैं।केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक फिलहाल अभी बाढ़ थमने के आसार नजर नहीं आ रहे है।
बाढ के कारण पैलानी तहसील क्षेत्र के चिल्ला कस्बे में कभी 13 नम्बर नेशनल हाईवे बन्द हो सकता है। यमुना नदी के बढ़ने से पैलानी तहसील क्षेत्र की केन नदी व चंद्रावल नदी ने भी अपना रौद्र रूप दिखना शुरू कर दिया है।यमुना,केन व चंद्रावल नदियों के बढ़ने से हजारों बीघा खेत जलमग्न हो गए है।कई रास्तो से आवगमन बाधित हो गया है। बाढ़ प्रभावित इलाकों में प्रशासन ने भी चौकसी बढ़ा दी है।केन नदी में यमुना का पानी आने से तहसील क्षेत्र के नरी गांव का पूर्व माध्यमिक विद्यालय डूब गया है। वही तीन दर्जन से अधिक गाँवो के सम्पर्क मार्ग बंद होने से ग्रामीण नाव का सहारा ले रहे हैं। केंद्रीय जल आयोग के एसडीओ भरत कुमार चौरसिया ने चिल्ला कस्बे में स्थित जल आयोग के ऑफिस में जाकर बाढ़ के हालातों को देख कर बाँदा के जिला प्रशासन को आने वाली बाढ़ के बारे में अवगत कराया है।
एसडीओ भरत कुमार चौरसिया ने बताया कि इस समय यमुना नदी खतरे के निशान से 28 सेंटीमीटर ऊपर बह रही हैं। पैलानी के उपजिलाधिकारी रामकुमार ने बताया कि पुरे पैलानी तहसील क्षेत्र में 17 बाढ चौकी व 3 सेक्टर बनाए गए हैं। उन्होने कहा कि अभी तक कोई भी गांव खाली नही कराया गया है।वहाँ के हल्का लेखपालों को निर्देश दिए हैं कि वे वही पर रहकर स्थिति पर नजर रखे।चिल्ला कस्बे के मदन गुप्ता का कहना है कि यदि इसी तरह से पानी आता रहा तो 13 नेशनल हाईवे कभी भी बन्द हो सकता है।
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