हरियाली तीज पर मंदिरों में श्रीराम की हुई अराधना

  • शिव-पार्वती के पुनर्मिलन के उपलक्ष्य पर मनाया जाता है पर्व

बांदा। श्रावण माह की शुक्ल पक्ष की तृतीया को हरियाली तीज का पर्व मनाया जाता है। इस वर्ष यह पर्व 11 अगस्त को है। हरियाली तीज का पर्व भगवान महादेव और माता पार्वती के पुनर्मिलन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। माता की कठोर तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने श्रावण शुक्ल पक्ष तृतीया के दिन ही मां पार्वती को पत्नी रूप में स्वीकार किया था। यह पर्व पंडित उमाकांत त्रिवेदी ने बताया कि 11 अगस्त शाम को 6रू27 मिनट तक शिव योग रहेगा। इसके बाद सिद्ध योग प्रारंभ होगा। यह तीज कई नामों से जानी जाती है।

श्रावणी तीज, हरियाली तीज, कजली तीज या मधुश्रवा तीज आदि। इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखते हुए मां पार्वती और शिव की पूजा कर पति की लंबी उम्र और सौभाग्य की प्रार्थना करती हैं। संकटमोचन मंदिर में भजन संध्या कीर्तन का आयोजन किया गया जिसमें धर्मेंद्र सिंह ,रामकुमार ,श्याम सोनी, हरि नारायण मिश्रा, हरिराम  सिंह, सहदेव गुप्ता, रणधीर सिंह, मूलचंद, जयराम सिंह, बालमुकुंद, देवकीनन्दन, रामेश्वर, विचित्र वीर सिंह आदि मौजूद रहे।



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