कुपोषण के बचाव में पोषण वाटिका महत्वपूर्ण योगदान : डा. दीप्ति भार्गव

  • खाद्य सुरक्षा में पोषण वाटिका का महत्व विषय पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित 

बांदा। बांदा कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के गृह विज्ञान महाविद्यालय में संचालित महिला अध्ययन केन्द में दिनांक 29 सितम्बर, 2021 को‘ ‘परिवार की खाद्य सुरक्षा में पोषण वाटिका का महत्व‘‘ विषय पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में 70 ग्रामीण महिलाओं ने प्रतिभाग किया। कार्यक्रम में पोषण वाटिका बनाने के महत्व एवं उससे मिलने वाले लाभ के बारे में विस्तार से जानकारी दी गयी। कार्यक्रम में महिलाओं को संबोधित करते हुये डा0 सौरभ, सहायक प्राध्यापक, गृह विज्ञान महाविद्यालय ने बताया कि ग्रामीण महिलायें अपने घरों में पोषण वाटिका बना कर पोषण युक्त मौसमी फल एवं सब्जियों का वर्ष भर अनन्द ले सकती हैं साथ ही फल ओर सब्जियों का विक्रय कर के अतिरिक्त आय का अर्जन भी कर सकती हैं।उन्होने यह भी बताया कि पोषण वाटिका में जैविक खाद का प्रयोग करे तथा जिसके पास जितनी जगह उपलब्ध है। उसके अनुसार मौसमी सब्जी एवं फलों के वृक्ष लगाने का चयन करें।

प्रभारी, महिला अध्ययन केन्द्र, डा0 दीप्तिभार्गव ने कुपोषण को मिटाने के लिये पोषण वाटिका के महत्व के बारे में जानकारी देते हुये बताया कि शरीर के लिये आवश्यक सन्तुलित आहार का लम्बे समय तक नहीं मिलना ही कुपोषण है।कुपोषण के कारण ही बच्चों और महिलओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है, जिससे वह आसानी से कई बीमारियों का शिकार बन जाते है।मौसमी, हरी सब्जियों एवं फलो के सेवन से शरीर के लिये आवश्यक पोषक तत्वों को प्राप्त किया जा सकता है।कुपोषण से सुपोषण की ओर जाने के लिए पोषण वाटिका का अत्यधिक महत्व है।गृह विज्ञान महाविद्यालय की सह-अधिष्ठाता डा0 वंदना कुमारी एवं सहायक प्राध्यापक डा0 दीक्षा गौतम कार्यक्रम में उपस्थित रहीं। कार्यक्रम के समापन में प्रतिभागियों से अपने विचार एवं अनुभव साझा किये।भविष्य में भी बांदा कृषि विश्वविद्यालय के महिला अध्ययन केन्द्र द्वारा ग्रामीण महिलाओं के लिये इस प्रकार के विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जायेगा।

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