माता विदाई में छलक पड़ी भक्तों की आखें


  • केन नदी में देर रात तक जारी रहा प्रतिमाओं के विसर्जन का दौर
  • चप्पे-चप्पे पर तैनात रही पुलिस फोर्स

अरबिंद श्रीवास्तव, ब्यूरो चीफ 

बांदा। शारदीय नवरात्र में 9 दिनों तक शहर के विभिन्न स्थानों पर रखी गई जगत जननी दुर्गा माता की प्रतिमाओं को शनिवार को नम आंखों से विदा किया गया। विसर्जन के दौरान किसी तरह की घटना न हो इस बात को ध्यान में रखते हुए प्रशासन द्वारा कड़े इंतजाम किए गए थे। पूरे शहर में भारी पुलिस बल तैनात किया गया। निर्धारित किए गए रूटों से सवेरे दुर्गा प्रतिमाएं गाजे बाजे के साथ रामलीला और महेश्वरी देवी मंदिर के पास से होते हुए केन नदी रवाना हुई। दुर्गा प्रतिमा की समितियों को सम्मानित करने के लिए कई जगह विभिन्न संगठनों द्वारा पंडाल लगाए गए थे इनमें केंद्रीय दुर्गा समिति शामिल है। जहां उत्साही कार्यकर्ताओं को शील्ड देकर सम्मानित किया गया। 

इसी तरह कुछ संगठनों ने कार्यकर्ताओं को लंच पैकेट और पानी के पाउच उपलब्ध कराया। दुर्गा प्रतिमाओं के दर्शन के लिए जगह जगह भारी संख्या में लोग उमड़ पड़े। इस दौरान न तो श्रद्धालुओं ने कोरोना गाइड लाइन का पालन किया और न ही प्रशासन गाइड लाइन का पालन कराने में कामयाब हो पाया। बेकाबू भीड़ के कारण कोरोना गाइडलाइन पूरी तरह से ध्वस्त रहा। उधर केन नदी में दुर्गा प्रतिमाओं के विसर्जन के लिए प्रशासन की ओर से सभी सुरक्षात्मक इंतजाम किए गए थे। कई गोताखोरों को तैनात कर कई नावें भी लगाई गई थी ताकि विसर्जन में किसी तरह की परेशानी न होने पाएं।

विसर्जन जुलूस में कार्यकर्ताओं ने जहां ढोल नगाड़े की थाप पर नृत्य कर अबीर गुलाल उड़ाया तो वही डांडिया और गरबा का नृत्य भी देखने को मिला। दुर्गा प्रतिमाओं के साथ कुछ देशभक्ति और स्वच्छता का संदेश देने वाली झांकियां भी देखने को मिली। इस दौरान जगह-जगह पुलिस तैनात रही जिससे किसी तरह की अप्रिय घटना की खबर नहीं है, लेकिन दुर्गा प्रतिमाओं की शोभा यात्रा को देखते हुए पुलिस द्वारा कई जगह वेरीकेटिंग किए जाने से लोगों को आवागमन में भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। बताते चलें कि शारदीय नवरात्र में हर साल बांदा में नवरात्र महोत्सव धूमधाम से मनाया जाता है। शहर के सैकड़ों स्थानों में बनाए गए पंडालों में देवी प्रतिमा स्थापित की गई थी 

उनके अलावा करीब आधा दर्जन से ज्यादा जबलपुर से बनवाकर लाई गई थी। शनिवार को ढोल नगाड़े और धार्मिक गीतों से थिरकते हुए, अबीर गुलाल उड़ाते हुए कार्यकर्ताओं के दल अपनी-अपनी प्रमिमाओं के साथ निकले, तो बहुत से युवक तलवारबाजी के जरिए अपनी कला का प्रदर्शन करते नजर आये। शोभायात्रा में उत्साही कार्यकर्ता जगह-जगह पटाखे भी दाग रहे थे। शोभायात्रा में निकली दुर्गा प्रतिमाओं को देखने के लिए जगह-जगह दर्शनार्थियों की भीड़ रही। वहीं व्यापार मंडल सहित कई अन्य सामाजिक संगठनों ने दुर्गा प्रतिमा को रोककर आरती उतारी और पूजा की। इसी तरह अन्य संगठनों ने देवी भक्त और कार्यकर्ताओं के लिए खाने के पैकेट पानीआदि का इंतजाम किया था।

जुलूस बलखण्डी नाका श्रीधाम से टोकन लेकर महेश्वरी देवी, चौक बाजार होते हुए अमर टॉकीज तिराहे से नगर पालिका बालिका इंटर कॉलेज जिला परिषद रोड होते हुए बाबूलाल चौराहे से प्रधान डाकघर होते हुए रोडवेज संकट मोचन मंदिर से होते हुए केन नदी पहुंचा। जहां दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया। कार्यकर्ताओं द्वारा देवी मां का जयकारा लगाते हुए नम आंखों से मां को विदा किया गया। इस दौरान शहर के चप्पे-चप्पे में पुलिस बल तैनात रहा। इसी तरह महिला पुलिस कर्मियों समेत टोकन स्थल से लेकर विसर्जन स्थल तक तैनात रहे, ताकि किसी तरह की कोई भी अप्रिय घटना न हो सके। उधर केन्द्रीय दुर्गा महोत्सव समिति के अध्यक्ष अमित सेठ भोलू, महामंत्री कल्लू सिंह राजपूत, संरक्षक राजकुमार शिवहरे, पूर्व चेयरमैन राजकुमार राज, नईम नेता, घनश्याम सिंह बाबू जी आदि लोग पूरे समय व्यवस्था में डटे रहे। 

सपा नेता शेखर शर्मा ने भक्तों को बांटा प्रसाद

समाजवादी पार्टी के जिला सचिव व बांदा विधानसभा सदर सीट के प्रबल दावेदार शेखर शर्मा ने अपने आवास के सामने देवी प्रतिमाओं के साथ विसर्जन यात्रा में शामिल देवी भक्तों को प्रसाद बांटा। उन्होंने दिनभर खुद व अपने कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर प्रसाद का वितरण किया। बताते चलें कि बीती कई दशकों से शेखर शर्मा के दिवंगत भाईयों स्वर्गीय दिनेश शर्मा उर्फ दिन्न भैया व स्वर्गीय जितेंद्र शर्मा के परिवार की तरफ से देवी भक्तों को प्रसाद का वितरण किया जाता रहा है। इस बात उनके भाई शेखर शर्मा की ओर से इस परम्परा को चालू रखा गया। इस अवसर पर हजारों भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया। इस दौरान मौके उनके भाई मुदित्य शर्मा के पूरे परिवार और उनके सहयोगियों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया।

चप्पे-चप्पे पर तैनात रही पुलिस

दुर्गा प्रतिमाओं के विसर्जन के दौरान किसी भी प्रकार का हो-हल्ला और किसी भी तरह का विवाद न हो, इसके लिए प्रशासन पूरी तरह से चौकसी बरती गई। ड्रोन कैमरे से पूरे समय निर्धारित रूट मार्ग की निगरानी की गई। विसर्जन के दौरान चप्पे-चप्पे पर पुलिस का पहरा रहा। डायल 112 पुलिस और जिम्मेदार पुलिस अधिकारी लगातार जुलूस की निगेहबानी करते रहे। अबकी बार आयोजनों पर रोक लगा दी गई है, लेकिन फिर भी दुर्गा प्रतिमाओं के विसर्जन में जा रहे देवी भक्तों के नाश्ते और पानी का इंतजाम किया गया।

भक्तों ने नम आंखों से मां को दी विदाई, किया विसर्जन

  • भक्तों ने गुलाल उड़ा डीजे पर बज रहे भक्तिगीतों की धुनों पर थिरकते नजर आए

नौ दिनों तक चले शारदीय नवरात्र के बाद कस्बे में शुक्रवार को विजयादशमी और दशहरा का पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया गया। वही कस्बे के पंडालों में विराजमान देवी प्रतिमाओं का विसर्जन दशहरा के दूसरे दिन बड़ी धूमधाम के साथ किया गया। दशहरा के दूसरे दिन शनिवार को हवन-पूजन और आरती के बाद  जगत जननी मां अम्बे की अंतिम विदाई देने के लिए देवी भक्तों ने वाहनों में भव्य मण्डप बनाकर  मां के जयकारों के साथ शोभायात्रा निकाल कर मातारानी को नम आंखों से विदाई  दी। कस्बे एवं गांवों में अधिकांश देवी प्रतिमाओं को भक्तों ने अपने -अपने सुविधा व नजदीकी तालाबों में ही दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन किया। 

कस्बे में श्रद्घालु नव दुर्गा महोत्सव के बाद दशहरा के दूसरे दिन सुबह से ही हवन पूजन किया गया और आरती व प्रसाद वितरण कर मां के जयकारे लगाए। तत्पश्चात पांडालों से देवी प्रतिमाओं को वाहनों में रखकर शोभायात्रा निकाली।जंहा भक्त अबीर और गुलाल उड़ाकर डीजे पर बज रहे भक्ति गीतों की धुनों पर थिरकते हुए तालाबों व नदी तक पहुंचे। जहां भक्तों ने नम आंखों से दुर्गा प्रतिमाओं का विधिवत पूजन करके विसर्जन किया। कस्बे में अनेक जगह सजे मां भवानी के दरबार, मां की विदाई के साथ सूने हो गए।

पैलानी क्षेत्र में गाने-बजाने के साथ देवी प्रतिमाओं का विसर्जन हुआ

पैलानी कस्बा समेत क्षेत्र में पंडालों पर सजाई गई देवी प्रतिमाओं का विसर्जन शनिवार को बड़े धूमधाम से कर दिया गया। जगह-जगह देवी प्रतिमाओं की आरती उतारी गई। प्रसाद वितरित किया गया। भक्तों ने अबीर गुलाल उड़ाते हुए डीजे पर थिरकते रहे। उधर नौ रात्रियों भर गुलज़ार रहे पंडाल देवी विसर्जन के साथ ही सूने हो गए।तहसील क्षेत्र की प्रतिमाओं का विसर्जन तालाबों में किया गया। नदियों में देवी प्रतिमाओं के विसर्जन को लेकर रोक लगी रही। विसर्जन देर शाम तक चलता रहा। देवी भक्त जमकर अबीर गुलाल उड़ा डीजे में देवी गीतों की धुनों में थिरकते रहे। जगह-जगह भक्तों ने विसर्जन के लिए जा रही प्रतिमाओं की आरती उतार दर्शन किये। प्रसाद वितरित किया जाता रहा। सभी स्थानों पर पुलिस बल तैनात रहा।

घसिया तालाब में किया गया दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन 

बबेरू कस्बे में स्थापित लगभग दो दर्जन मूर्तियों का विसर्जन कस्बे के घसिला तालाब पर किया गया। जिसमें शासन और प्रशासन के द्वारा तालाब पर पूरी तरह से पहले से ही सभी व्यवस्था कर लिया था। वही विसर्जन स्थल पर राजस्व विभाग के साथ स्वास्थ्य विभाग पुलिस प्रशासन भी मौजूद रहे है।बबेरू कस्बे पर नवरात्रि में कस्बे पर लगभग 2 दर्जन से अधिक दुर्गा मूर्तियों को स्थापित किया गया था। जिसमें आज विसर्जन के दिन कस्बे की सभी मूर्तियों को पूरे कस्बे पर भ्रमण करवाकर मढ़ी दाई मंदिर पर पहुंचे, वहां पर सभी दुर्गा प्रतिमाओं को एकत्रित करके मुख्य चौराहे पर पहुंचकर केंद्रीय दुर्गात्सव समिति के द्वारा मंगला आरती की गई, उसके बाद पहले से चिन्हित घाशिला तालाब पर पहुंच कर सभी मूर्तियों का क्रम से विसर्जन किया गया। 

वहीं उप जिलाधिकारी सुरजीत सिंह पुलिस क्षेत्राधिकारी सियाराम सहित भारी पुलिस बल विसर्जन स्थल पर मौजूद रहा। वही विसर्जन स्थल पर नाव की भी व्यवस्था की गई थी, और स्वास्थ्य विभाग की टीम भी मौके पर लगी रही। जिसमें किसी भी प्रकार की कोई दुर्घटना ना हो सके, वही सभी मूर्तियों का विसर्जन शांतिपूर्वक तरीके से किया गया। इस मौके पर बबेरू क्षेत्रीय विधायक चंद्रपाल कुशवाहा,नगर पंचायत अध्यक्ष विजयपाल सिंह, पूर्व चेयरमैन सूर्यपाल सिंह यादव, ग्राम प्रधान प्रतिनिधि रामफल त्यागी,पूर्व प्रधान केशव प्रसाद प्रजापति, चंद्रमोहन श्रीवास्तव मण्डल अध्यक्ष राजा दीक्षित, राम नरेश मिश्रा, सहित काफी संख्या में विसर्जन स्थल पर लोग मौजूद रहे।

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