- सोशल डिस्टेंसिंग के साथ निकला जुलूसे मोहम्मदी
- तालीम कमेटी की मस्जिदे नबवी की झांकी रही आकर्षण का केन्द्र
अरबिंद श्रीवास्तव, ब्यूरो चीफ
बांदा। मंगलवार को इस्लाम धर्म के संस्थापक पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब का यौमे विलादत (जन्मदिन) धूमधाम से मनाया गया। इसके लिए पूर्व संध्या से ही तैयारियां कर ली गई थीं। इस्लामी कैलेंडर के तीसरे माह रबिअव्वल की 12वीं तारीख को जश्ने ईद मीलाद मनाई जाती है। मुख्य आयोजन बांदा शहर में निकला जुलूसे मोहम्मदी रहा। सौहार्द और कौमी एकता की परंपरा को बरकरार रखते हुए आयोजन हुए। जुलूसे मोहम्मदी में कोरोना प्रोटोकाल का पूरी तरह से पालन किया गया। सभी कमेटियों ने सोशल डिस्टेंसिंग के साथ-साथ मास्क व सैनेटाइजर का भी प्रयोग किया।
छिपटहरी, मर्दन नाका, कुंजरहटी, मनोहरीगंज, छावनी, गूलरनाका, अलीगंज और अमर टाकीज तिराहा आदि सड़कों से जुलूस गुजरा। इन रास्तों में बिजली और झंडे-झंडियों की खास सजावट की गई थी। भारी-भरकम और छोटे-बड़े सैकड़ों हरे परचम और विभिन्न आकर्षक झांकियां शामिल रहीं। जगह-जगह झांकियों को पुरस्कृत किया गया। सबसे आकर्षण का केन्द्र गूलर नाका की तालीम कमेटी की मस्जिदे नबवी रही। विभिन्न मोहल्लों के युवक और बच्चे अपने खास पोशाक में शामिल थे।
डीजे के बीच नाते और कव्वालियां और इस्लामी नारे गूंजते रहे। देर रात अलीगंज पुलिस चौकी चौराहे पर स्थानीय कमेटी के तत्वावधान में सलाम पेश किया गय। पुलिस विभाग द्वारा पूरे समय ड्रोन कैमरे से निगरानी की गई। खुफिया विभाग भी पूरे समय सक्रिय रहा। उसके अलावा प्रमुख स्थानों पर पुलिस बल तैनात रहा।वहीं सारी दुनिया को इंसानियत और अपने मुल्क से मोहब्बत का पैगाम देने वाले हजरत मोहम्मद के जन्मदिन पर निकाले गए जुलूस में भी यही संदेश दिया गया। हजारों की संख्या वाले जुलूस में एक तरफ जहां हरे इस्लामी परचम लहरा रहे थे तो उन्हीं के साथ देश का तिरंगा राष्ट्रीय ध्वज अपनी अलग शान बिखेर रहा था।
खास लिबास और पगड़ी वाले युवा पूरे समय आन-बान-शान के साथ तिरंगा लहराते रहे और सारे जहां से अच्छा हिंदोस्तां हमारा का पैगाम देते रहे। तिरंगाधारी युवाओं की टीम कालवनगंज (छिपटहरी) की थी। अन्य मोहल्लों के जत्थों में भी तिरंगे शामिल रहे। उधर तालीम कमेटी के जुलूस में अध्यक्ष अब्दुल माजिद, सरपरस्त नियाजुल हक, रियाजुल हक, साहबे आलम, अकरम अली, मुस्तकीम, फैजान, जावेद खान, शनि, निजाम, राज, राजू अली, वकील अहमद आदि लोग मौजूद रहे।
पैगम्बर मोहम्मद साहब की यौमे विलालद पर मरीजों को बांटे फल
हर्षोल्लास के साथ मनाया मुहम्मद साहब का जन्मदिन
कोविड प्रोटोकाल के चलते लगातार दूसरे साल भी शासन द्वारा निर्धारित गाइडलाइन के नियमों के मुताबिक जश्न ए ईद-ए-मिलाद-उन-नबी (हजरत मुहम्मद साहब के यौमे पैदाइश) बेहद ही सादगीपूर्ण तरीके से मनाई गई। इस दौरान घरों में फातिहा व कुरानखानियों का कार्यक्रम हुआ तत्पश्चात जुलूस ए मोहम्मदी शाही जामा मस्जिद दुबरिया से होकर शास्त्री ग्राउंड मैदान में जमा होकर पुलिस की निगरानी में कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए मदरसा दारुल उलूम गुलशने कादरिया निजामी नगर में आकर खत्म हुआ इस दौरान अकीदतमंद नातिया कलाम पढ़ते हुए चलते रहे। इस दौरान थानाध्यक्ष मो. अकरम अपने हमराहियों के साथ पूरे समय मौजूद रहे। इस मौके पर उधोग व्यापार मंडल उपाध्यक्ष शाहनवाज़ खान शानू, पत्रकार रियाजुद्दीन खान, मोइन खान मोनू, मुस्तकीम खान, तौकीर खान इत्यादि सहित सैकड़ों लोग शामिल रहे।
बारावफात का जुलूस बड़े ही धूमधाम से निकाला गया
पैलानी तहसील क्षेत्र में कई इलाकों में आज मंगलवार को बारावफात का जुलूस निकालकर बड़े धूमधाम से मनाया गया।मोहम्मद सुहैल फारूकी ने बताया कि ईद मिलादुन्नबी का पैगम्बर हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के जन्मदिन हैं इस खुशी में बारावफाती का यह पर्व मनाया जाता है। कुछ लोग इसे ईद मिलाद-उन-नबी भी कहते हैं। छोटे छोटे बच्चों ने सज धज कर मोहम्मदी जुलूस को अपने अपने गाँवो निकालकर घुमाया।कई जगह लोगो ने लगंर लगाए तो कही पर लड्डू लुटाए गए। पैलानी कस्बे सहित अन्य गांव सिकहुला, रामपुर, पिपरोदर, सबदा, अदरी, महबरा, चिल्ला, सदीपुर, गौसिपुर, लौमर, सादीमदनपुर, खपटिहा कला, सहित कई गाँवो के ईद मिलाद-उन-नबी का त्यौहार बड़े ही सादगी के साथ मनाया गया।
0 टिप्पणियाँ
Please don't enter any spam link in the comment Box.