जिला उपभोक्ता संरक्षण आयोग ने विद्युत विभाग पर ठोंका 22 हजार का जुर्माना

  • एक अन्य मामले में साक्ष्यों के अभाव में परिवादी के वाद को किया निरस्त

अरबिंद श्रीवास्तव, ब्यूरो चीफ

बांदा। जिला उपभोक्ता संरक्षण आयोग विद्युत विभाग के विरुद्ध परिवादी स्वीकार करते हुए 22000 का जुर्माना लगाया है। साथ ही विभाग को आदेश दिया कि वादी की द्वारा जमा अधिक धनराशि का समायोजन आगामी बिलों में करे। एक अन्य मामला जिसमे वादी का वाद विद्युत विभाग के विरुद्ध साक्ष्यों के अभाव में निरस्त कर दिया। हरी शंकर पुत्र छोटे लाल निवासी मरही माता नूनिया मुहाल बांदा के मामले में जिला आयोग के अध्यक्ष तूफानी प्रसाद और अनिल कुमार चतुर्वेदी ने परिवादी का वाद स्वीकार करते हुए आदेश दिया कि 12.10.2009 से 19.11.2009 तक भेजे गए बिल निरस्त किए जाते हैं। विद्युत विभाग औसत उपभोग के आधार पर संशोधित बिल जारी करे।बिल जमा हो जाने पर विद्युत विभाग कनेक्शन जोड़कर विद्युत आपूर्ति चालू करे।मानसिक कष्ट के लिए 5हजार रुपए और वाद दायर करने के लिए 2 हजार एक माह के अंदर अदा करे। इस मामले की पैरवी संतोष कुमार सिंह वरिष्ठ अधिवक्ता ने की।

इसी प्रकार राम शरण राठौर पुत्र भाऊ राम निवासी अंबेडकरनगर के मामले में अधिशाषी अभियंता विद्युत वितरण निगम बांदा को आदेश दिया कि उपभोक्ता का विद्युत भार 2 किलो वाट से घटाकर 1 किलोवाट करे। इसी आधार पर बिल निर्गत किए जाए। वादी की जमा अतिरक्त राशि 6830 जो अधिक वसूल ली गई है। आगामी बिल में समायोजित करें। इसके अलावा वादी को हुई मानसिक तनाव के लिए 3हजार और मुकदमा दायर करने पर हुए व्यय पर 2 हजार रुपए अदा करे। इस मामले की पैरवी मुशीहुल हक ने की।

इसी प्रकार शिवकांति पत्नी बुद्ध विलास ग्राम बिगहना रेल स्टेशन खुरहंड के मामले में वादी का वाद स्वीकार करते हुए जिला उपभोक्ता संरक्षण आयोग की पीठ ने आदेश दिया कि विपक्षी आदेश की तिथि से एक माह के अंदर परिवादिनी के घर में कनेक्शन देकर विद्युत प्रवाह चालू करे। चुकी वादिनी के परिसर में कोई कनेक्शन दिया जाना सिद्ध नहीं होता इसलिए विपक्षी द्वारा जारी सभी बिल निरस्त किए जाते हैं। मानसिक तनाव के लिए 3 हजार और मुकदमा दायर करने पर हुए व्यय पर 2 हजार एक माह में अदा करे। इस मामले की पैरवी अवधेश कुमार गुप्ता खादी वाला ने की। 

इसी प्रकार सुरेंद्र कुमार पुत्र अग्नुवा ग्राम पछोवा थाना कमसिन के मामले में वादी का वाद आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए विपक्षी द्वारा जारी विद्युत बिल संख्या 218347 दिनाक 31.12.2015 से 28.02.2016 तक रू 41653.00 को निरस्त कर दिया गया। साथ ही विद्युत विभाग को आदेश दिया कि वह एक माह के अंदर वादी को मानसिक तनाव के लिए 3 हजार रुपए और मुकदमा दायर करने में हुए व्यय के लिए 2 हजार रुपए अदा करे। इस मामले की पैरवी हुकुम सिंह एडवोकेट ने की। अंबेडकर नगर बांदा निवासी जगदाश पुत्र रामकुमार का मामला जिसमे वादी का वाद साक्ष्य के अभाव में अधिशाषी अभियंता विद्युत के विरुद्ध निरस्त कर दिया गया।

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