जनपद में फाइलेरिया अभियान का आगाज

 

  • आयोग सदस्य बोलींः 10 से 15 साल बाद दिखते हैं लक्षण
  • फाइलेरिया मुक्त देश बनाने को स्वास्थ्य मंत्रालय गंभीर 
  • 7 दिसंबर तक चलेगा एमडीए अभियान 

अरबिंद श्रीवास्तव, ब्यूरो चीफ 

बांदा। प्रदेश के अलग-अलग जिलों में सर्वे के दौरान पाया गया है कि नौ से 21 फीसद स्वस्थ व्यक्तियों में फाइलेरिया के कीटाणु माइक्रो फाइलेरिया पाए गए हैं। ऐसे लोग फाइलेरिया से ग्रसित हो सकते हैं, जिसका कोई इलाज नहीं है। यह बीमारी मच्छर के काटने से होती है। इसके लक्षण 10 से 15 वर्ष बाद सामने आते हैं। यह बातें सीएमओ कार्यालय परिसर में मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) शुरूआत करते हुए राज्य महिला आयोग सदस्य प्रभा गुप्ता ने कहीं। 

उन्होंने कहा कि फाइलेरिया मुक्त देश बनाने को स्वास्थ्य मंत्रालय गंभीर है। इसलिए सोमवार यानि 22 नवंबर से महा अभियान का आगाज किया जा रहा है। आयोग सदस्य ने जिला मलेरिया अधिकारी पूजा अहिरवार को डीईसी व एलबेंडाजॉल टेबलेट खिलाकर अभियान की शुरूआत की। साथ ही बाइक रैली को भी झंडी दिखाकर रवाना किया। प्रभारी मुख्य चिकित्साधिकारी डा. आरएन प्रसाद ने कहा कि स्वास्थ्य टीमें घर-घर जाकर लोगों को डीईसी और एल्बेंडाजोल की गोली खिलाएंगी। ताकि फाइलेरिया से मुक्ति दिलायी जा सके। दो वर्ष से कम उम्र के बच्चे, गर्भवती महिलाएं, गंभीर रूप से बीमार लोगों को दवा नहीं दी जायेगी।

डिप्टी सीएमओ डा. एमसी पाल ने कहा कि फाइलेरिया वेक्टरजनित रोग है। यह मादा क्यूलेक्स मच्छर के काटने होता है। इसे लिम्फोडिमा (हाथ पांव) भी कहा जाता है। उन्होंने बताया कि जनपद में 21 लाख की आबादी को यह दवा खिलाई जाना है। इसके लिए 2785 लोगों को लगाया गया है। 306 सुपरवाइजर इसकी निगरानी करेंगे। डा. पाल ने बताया कि फरवरी माह में हुए नाइट ब्लड सर्वे में 4122 नमूने लिए गए थे। इसमें 30 लोगों की रिपोर्ट पाजिटिव आई है। इन मरीजों का उपचार रह रहा है। वर्तमान समय में जिले में 1018 फाइलेरिया के रोगी हैं। 

फाइलेरिया मरीज बरतें यह सावधानी

जिला मलेरिया अधिकारी पूजा अहिरवार ने बताया कि फाइलेरिया के मरीज को सामान्य पानी से नहाना चाहिए। बिस्तर को पैर की तरफ छह इंच ऊंचा रखना चाहिए। पैर को रगड़ कर साफ करने से परहेज करना चाहिए। पैरों को बराबर रख कर आरामदेह मुद्रा में बैठना चाहिए। पट्टे वाला ढीला चप्पल पहनने के साथ सूजन वाली जगह को हमेशा चोट से बचाना चाहिए। फाइलेरिया से बचाव के लिए जनपद में 7 दिसंबर तक अभियान चलाया जाएगा। इस दौरान स्वास्थ्य टीमें घर-घर जाकर एक-एक व्यक्ति को फाइलेरिया की दवा खिलाएंगी।

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