उन्होंने कहा कि पीईसी में आने वाले युवाओं के मस्तिष्क बुद्धिमतापूर्ण हैं और ये नवाचार के लिए तैयार हैं। उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि कोविड-19 महामारी के चुनौतीपूर्ण समय के दौरान पीईसी के छात्रों ने ऐसे रोबोट बनाए जो आइसोलेशन वार्ड में जा सकते हैं और रोगियों के लिए भोजन व दवा पहुंचाने के साथ ही अन्य आवश्यकताओं को पूरा कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह समाज की सेवा के लिए नवाचार का अद्भुत उदाहरण है। उन्हें यह जानकर भी खुशी हुई कि इस संस्थान से कोविड से संबंधित शोध पर दो पेटेंट आवेदन दायर किए गए हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि आज हम ऐसे युग में हैं, जब रटने की शिक्षा को अलग रखा जाना चाहिए और शिक्षा के क्षेत्र में अनुसंधान के विचार को बढ़ावा देना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारी नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति हम सभी के लिए मार्गदर्शक और पथप्रदर्शक है, क्योंकि यह अनुसंधान तथा विकास को प्रोत्साहित करती है। इस नीति के तहत शिक्षा, भारी सामग्री के स्थान पर गंभीर रूप से सोचने एवं समस्याओं को हल करने, रचनात्मक तथा बहु-विषयक कैसे हो और अध्ययन के हमेशा बदलते क्षेत्रों में सामग्री को सुधारने, रूपान्तरित व आत्मसात करने के बारे में अधिक सीखने की ओर अग्रसर होगी।
उन्होंने कहा कि पीईसी पहले से ही अनुसंधान और विकास के पथ पर काफी आगे है। उन्हें यह जानकर प्रसन्नता हुई कि पीईसी की शताब्दी के अवसर पर इस परिसर में एक अत्याधुनिक सेमीकंडक्टर अनुसंधान सुविधा का उद्घाटन किया जा रहा है। श्री कोविंद ने कहा, यह उल्लेखनीय है कि अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा देने वाली ऐसी सुविधाएं इस संस्थान के लिए नई नहीं हैं, क्योंकि छात्रों के लाभ हेतु इस तरह के उद्यम स्थापित करने में सरकारी और निजी संगठनों के साथ सहयोग किया जाता रहा है।
इसका एक उदाहरण सीमेंस सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन मैन्युफैक्चरिंग है, जो अन्य विश्वविद्यालयों द्वारा अनुकरण करने के योग्य है। उन्होंने आईआईटी, पीजीआई और इसरो जैसे अन्य प्रतिष्ठित संस्थानों के साथ निरंतर सहयोग के लिए पीईसी की भी सराहना की। राष्ट्रपति ने कहा कि इस तरह के कदम अनुप्रयोगोन्मुख अनुसंधान में उत्कृष्टता के लक्ष्य को साकार करने में सहायक होते हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह के उद्योग-संस्थान इंटरफेस आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को साकार करने में भी मदद करेंगे।
पीईसी के पूर्व छात्रों के समृद्ध नेटवर्क का जिक्र करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि इस कॉलेज के स्नातक कभी अकेले नहीं होते हैं, क्योंकि पीईसी के पूर्व छात्रों का परामर्श तथा अनुभव उन्हें हमेशा उपलब्ध होता है। उन्होंने पीईसी जैसे संस्थानों और उनके पूर्व छात्रों से मेंटर के रूप में कार्य करने तथा देश के अन्य विश्वविद्यालयों के साथ सहयोग करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि पीईसी में देश के सभी हिस्सों के छात्र मौजूद हैं, जो इसे विविधता में एकता का एक आदर्श उदाहरण बनाते हैं।
राष्ट्रपति ने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि यदि कोई संस्थान इतने बड़ी संख्या में छात्रों को एकजुट कर सकता है, तो पीईसी के पूर्व छात्रों से प्राप्त परामर्श निश्चित रूप से हमारे देश के लिए भी एकजुटता का कारक बन सकता है। उन्होंने कहा कि हमने हमेशा "वसुधैव कुटुम्बकम" के आदर्श का पालन किया है - पूरा विश्व एक परिवार है और यह आवश्यक है कि हमारे देश के विभिन्न संस्थान तथा विश्वविद्यालय इस सिद्धांत का पालन करें। उन्होंने कहा कि हमें अपने देश की अधिक प्रगति के लिए एक साथ काम करने और अपने देश के सभी छात्रों के लाभ के लिए एक ज्ञान आधारित नेटवर्क बनाने की जरूरत है।
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