आसमान छूती महंगाई, महिला-उत्पीड़न और महिला कार्यकर्ताओं के दमन के खिलाफ ऐपवा का राज्यव्यापी प्रदर्शन

  • मीना सिंह के नेतृनेतृत्व में सदर उप जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया

ईस्ट न्यूज 24X7 ब्यूरो 

लखनऊ। ऐपवा की जिला संयोजक मीना सिंह ने कहा कि कमरतोड़ महंगाई ने आज आम-आदमी विशेषकर गरीबों का जीना मुहाल कर दिया है। मुफ्त अनाज के लिए अपनी पीठ थपथपा रही सरकार सारी जीवनोपयोगी चीजों का दाम आसमान में पहुंचाकर गरीबों की जेब काटने का काम कर रही है। महिला नेता ने कहा कि गृहमंत्री अमित शाह का यह दावा कि उत्तर प्रदेश में अब 16 साल की बच्ची भी गहने लादकर रात 12 बजे भी स्कूटी से यूपी की सड़कों पर चल सकती है, उ०प्र० में एक मजाक बन कर रह गया है। हाल ही में पहले पीलीभीत में कोचिंग पढ़ने गयी इंटर की छात्रा की बलात्कार-हत्या और उसके अगले दिन लखीमपुर में 16 वर्षीय बच्ची के साथ दरिंदगी की खबर आई है। UP में आये दिन लड़कियों, महिलाओं के  साथ बलात्कार, हत्या की घटनाओं की बाढ़ आई हुई है। सत्ता से जुड़े दबंगों-अपराधियों के हौसले बुलंद हैं। शरीफ नागरिक, महिलाएं और समाज के कमजोर तबके इनके हमलों के शिकार हो रहे हैं। 

श्रीमती सिंह ने आगे कहा कि आज संविधान-दिवस है जो हमें आज़ादी की लड़ाई की अनगिनत कुर्बानियों की बदौलत हासिल हुआ था। लेकिन सरकार हमारे संवैधानिक अधिकारों की हत्या पर आमादा है। पूरे प्रदेश में महिलाएं जब जुल्म के खिलाफ आवाज उठाने के लिए आगे आ रही हैं तो उनके इस न्यूनतम संवैधानिक अधिकार को भी कुचला जा रहा है। पिछले दिनों तमाम जिलों में उन्हें सड़क पर निकलने तक नहीं दिया गया, घर के अंदर ही हाउस अरेस्ट कर दिया गया, पर्चा तक बांटने पर मुकदमे कायम किये गए और गिरफ्तार किया गया।

राष्ट्रपति को सम्बोधित ज्ञापन के माध्यम से मांग की गई कि कतान्त्रिक अधिकारों पर इस हमले पर तत्काल रोक लगायी जाए और मिर्जापुर में  किसानों और मजदूरों की  नेता जीरा भारती, ऐपवा जिला सचिव शांति कोल, जिलाध्यक्ष श्यामकली, उपाध्यक्ष रीता जायसवाल समेत जिले की सैकड़ों महिलाओं पर से फर्जी मुक़दमे वापस लिए जाएं। यह भी मांग की गई कि लखीमपुर नरसंहार के हत्यारों को कड़ी सजा की गारंटी की जाय और केंद्रीय गृहराज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी को बर्ख़ास्त किया जाये। उक्त कार्यक्रम में भाग लेने वालो में  सुमन, लीलावती, किरण, रीमा पाठक आदि प्रमुख रुप सेशामिल थी।

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