नई दिल्ली/पीआईवी। वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण और कपड़ा मंत्री पीयूष गोयल ने आज भारतीय उद्योग से बड़ा सोचने और त्वरित तथा आक्रामक लक्ष्य निर्धारित करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि ऐसा वर्ष 2047 तक देश में क्रांतिकारी बदलाव हासिल करने की सोच के साथ किया जाना चाहिए जब भारत आज़ादी का सौ साल का जश्न मना रहा होगा। गोयल आज नई दिल्ली में भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की) के 94वें वार्षिक सम्मेलन में मुख्य भाषण दे रहे थे।
केंद्रीय मंत्री ने महामारी के कारण उत्पन्न भारी चुनौतियों और अनिश्चितताओं के बीच दुबई एक्सपो में भारतीय पवेलियन बनाकर इसे साकार रूप देने के लिए फिक्की की सराहना की। खास बात यह है कि दुबई एक्सपो में भारतीय पवेलियन सबसे अधिक देखे जाने वाले और प्रशंसित पवेलियनों में से एक रहा है। गोयल ने उम्मीद जताई कि दुबई में किए गए प्रयोग को दिल्ली के प्रगति मैदान में दोहराया जाएगा, ताकि पूरे देश के लोगों, विशेषकर छात्रों और युवाओं को हमारी प्रगति और उपलब्धियों को देखने, उसमें और विस्तार की संभावनाएं तलाशने और गर्व करने का अवसर मिले।
महामारी के दौरान भारतीय उद्योग के सामने आने वाली चुनौतियों पर ध्यान देते हुए गोयल ने कहा कि भारतीय उद्योग ने उल्लेखनीय रूप से इसका सामना करते हुए इससे उबर गया है और अब तेजी से विकास के लिए तैयार है। उन्होंने सेवा निर्यात में हासिल की गई वृद्धि को रेखांकित करते हुए यह भी कहा कि 400 अरब डॉलर मूल्य के व्यापारिक निर्यात बहुत अच्छी तरह से हो सकते हैं और यह एक वास्तविकता बन सकता है।
केंद्रीय मंत्री गोयल ने कहा कि इस संकट से जो सबक मिला वह यह है कि अगर सरकार और उद्योग मिलकर काम करते हैं और अपने सभी मिशनों को साधते हैं तो उपलब्धियां जरूर हासिल होंगी। उन्होंने यह भी कहा कि अगर हम साल 2030 तक एक ट्रिलियन डॉलर की सेवाओं और एक ट्रिलियन डॉलर के माल के निर्यात तक पहुंचने की इच्छा रखते हैं तो हम इसे भी हासिल कर लेंगे।
गोयल ने कहा कि सरकार लगातार बढ़ोतरी वाले बदलाव में विश्वास नहीं करती है, बल्कि सरकर ने प्रत्येक परियोजना में हर संभावना को पूरा करने के लिए काम किया है, चाहे वह स्वच्छता और सफाई हो या रसोई गैस कनेक्शन या बिजली या स्वास्थ्य सेवा हो। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवा को तकनीकी सहायता के माध्यम से संगठित तरीके से सभी लोगों को गुणवत्तापूर्ण और किफायती स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने की दृष्टि से एक मिशन मोड में लिया जा रहा है। जीवन की सुगमता और व्यवसाय करने की सुगमता में सुधार के लिए सरकार के प्रयासों के बारे में बात करते हुए श्री गोयल ने कहा कि एक वर्ष में 22,000 स्वीकृतियां कम या समाप्त कर दिए गए हैं और कहा कि इससे कहीं अधिक हासिल करने के लिए विचार-मंथन किया जा रहा है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि दुनिया भारत को एक विश्वसनीय भागीदार के रूप में देखती है, खासकर उस लचीलापन के कारण जिसे व्यापार और उद्योग ने अपनी सभी अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं को महामारी के दौरान भी पूरा करने में दिखाया। उन्होंने कहा कि पूरे कोविड काल में भारतीय उद्योग ने चुनौतियों को स्वीकार करने की अपनी अनूठी क्षमता का प्रदर्शन किया है और दुनिया भर में इसकी सराहना की गई है।
गोयल ने प्रधानमंत्री का हवाला देते हुए कहा कि यदि हमारे पास अरबों समस्याएं हैं, तो उन समस्याओं का समाधान खोजने के लिए हमारे पास अरबों दिमाग भी हैं। उन्होंने कहा कि भारत जिस तरह के शासन मॉडल को प्रचारित और बढ़ावा देने की कोशिश कर रहा है, वह उच्चतम स्तर की एकता, न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन, जीवन की सुगमता, व्यापार करने में आसानी आदि पर केंद्रित है।
केंद्रीय मंत्री ने आश्वासन दिया कि सरकार नए विचारों को सुनने, हर स्तर पर उद्योग के साथ जुड़ने और एक सक्षम बनाने वाले, सूत्रधार तथा भागीदार के रूप में काम करने को तैयार है। पीयूष गोयल ने व्यापार और उद्योग को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण नीतिगत निर्णयों से लेकर पीएलआई योजनाओं और सेमी-कंडक्टर उद्योग के लिए हाल ही में घोषित बड़े पैकेज तक वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में बताते हुए कहा कि नए अवसरों का सख्ती से पता लगाया जा रहा है।
केंद्रीय मंत्री ने उन एफटीए का जिक्र करते हुए जिन पर काम चल रहा है, कहा कि यूएई, कनाडा, यूके के साथ एफटीए जल्द ही होने वाले हैं और यूरोपीय संघ और इज़राइल के साथ एफटीए पहले ही शुरू हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि जीसीसी देशों ने भी इस मोर्चे पर भारत के साथ बातचीत शुरू करने में रुचि दिखाई है। गोयल ने कहा कि संयुक्त अरब अमीरात के साथ एफटीए के साथ-साथ दुबई में इंडिया मार्ट की स्थापना जैसे अन्य रास्ते भी तलाशे जा रहे हैं।
केंद्रीय मंत्री गोयल ने विश्व बाजार में, विशेष रूप से तकनीकी वस्त्र और मानव निर्मित कपड़े में भारतीय वस्त्रों के लिए विशाल अवसर पर प्रकाश डालते हुए कपड़ा उद्योग से जुड़े लोगों से बड़े लक्ष्य निर्धारित करने का आग्रह किया। उन्होंने व्यापार और उद्योग जगत से अतीत के बंधनों से मुक्त रहने, पारंपरिक सोच की बाधाओं को तोड़ने और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ने का आग्रह किया।
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