- गरीबों को दवाओं के जरिये मिलेगी बीमारी से निजात
बांदा। प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना के लाभ को जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से आज बड़ोखर बुजुर्ग स्थित राजकीय हाई स्कूल में एक विशेष जन जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार के क्षेत्रीय लोकसंपर्क ब्यूरो बांदा द्वारा इस आयोजन का उद्देश्य लोगों को जागरूक करना था। ऐसे लोग जो महंगी दवाओं का खर्च वहन करने में असमर्थ होते हैं। पैसों के अभाव में बेहतर दवा व अन्य रोज की चिकित्सीय आवश्यकताओं से वंचित रह जाते हैं। साथ ही उपस्थित लोगों को इस योजना के लाभ के बारे में जादूगर बुद्ध बिलास एंड पार्टी द्वारा जादू के मनोरंजक ढंग से भी जागरूक किया गया। कार्यक्रम में अपने संबोधन में क्षेत्रीय प्रचार अधिकारी गौरव त्रिपाठी ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही इस परियोजना के अंतर्गत जन औषधि केंद्रों से पिछले 6 वर्षों में जरूरतमंदों को करीब 9 हजार करोड़ रूपए की बचत हुई है। साथ ही जन-औषधि केंद्रों से हजारों लोगों को मिला है स्वरोजगार। साथ ही लोग आत्मनिर्भर भी बने हैं।
क्षेत्रीय प्रचार अधिकारी ने बताया कि देश भर में स्थित जन औषधि केंद्रों से लगभग 10 लाख लोग रोजाना खरीदते हैं किफ़ायती दवाइयां। 1450 से भी ज्यादा उपयोगी दवाइयां एवं 240 से ज्यादा सर्जिकल उपकरण जन औषधि केंद्रों पर उपलब्ध हैं। इस अवसर पर विद्यालय की प्रधानाचार्या डा. शशि मिश्रा ने कहा कि गांव व छोटे स्थानों पर रहने वाली किशोरियाँ भी अब सस्ती दर पर सैनेटरी नैपकिन इन जन-औषधि केंद्रों से खरीद कर एक बेहतर जीवन जीकर आगे बढ़ सकती हैं, अपने महचाहे क्षेत्रों में। जन औषधि ‘सुगम’ मोबाइल एप लोगों की मदद के लिए बनाया गया है।
इसकी मदद से कोई भी अपने नजदीकी प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना केंद्र को खोज कर इसका लाभ ले सकता है। अपने संबोधन में कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि जिला पंचायत सदस्य सदाशिव ने कहा कि शुरू में इस परियोजना का नाम “जन औषधि योजना” था। सितंबर 2015 में इसका नाम बदलकर “प्रधानमंत्री जन औषधि योजना” कर दिया गया। नवंबर 2016 में फिर से इसका नाम बदल कर “प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना” कर दिया गया। इस योजना का लाभ बताते हुए विद्यालय की प्रधानाचार्या ने कहा देश में मरीजों का एक बड़ा वर्ग गरीब है। वह इलाज के लिए महंगी दवाएं नहीं खरीद सकता है। ऐसी स्थिति में इस योजना से उसे अच्छी गुणवत्ता वाली दवाएं कम कीमत पर मिल जाती हैं। जिससे वह भी अपना इलाज अच्छी तरह करा सकता है अब। बड़ोखर बुजुर्ग की ग्राम प्रधान राजकुमारी ने बताया कि इन जन औषधि केंद्रों को खोलने के लिए सरकारी सहायता भी उपलब्ध है। अहर्ता पूरी करने वाले पढे-लिखे युवक/युवतियाँ ग्रामीण क्षेत्रों में भी इसे खोल, स्व-रोजगार प्राप्त कर सकते हैं।
कार्यक्रम में हुई पोस्टर पेंटिंग प्रतियोगिता के 15 विजयी छात्र हैं भोला प्रसाद, सोनम, सखेन्द्र, आशीष, मनोज, खुशी देवी, संध्या, रक्षा, अभिषेक, पुष्पेंद्र साहू, सीता, अनमोल, महेंद्र, अंतिका सिंह और रोशनी। इसके अलावा कार्यक्रम में जन औषधि पर आधारित प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन कर सही जवाब देने वाले 10 विद्यार्थियों अनामिका, सतीश, लखन लाल, पिंकी देवी, खुशी, आशीष, सोहीत, मनीष, ज्योति व प्रधूम्न सिंह आदि कार्यक्रम में प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। विभाग के तकनीकी सहायक अशोक कुमार विश्वकर्मा, ग्राम पंचायत अधिकारी अनिरुद्ध पटेल, विद्यालय की शिक्षिकाएं मानसी ओमर, कमला देवी, अंकिता सिंह, अमित कुमार व सलमान खान समेत अन्य क्षेत्रीय गणमान्य लोग।

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