डा.अम्बेडकर राष्ट्रीय फेलोशिप अवार्ड से सम्मानित हुए विनोद कुमार
बाँदा। भारतीय दलित साहित्य अकादमी नई दिल्ली के तत्वाधान मे द्विदिवसीय 37 वां राष्ट्रीय दलित सहित्यकार सम्मेलन आयोजित हुआ जिसमे नेपाल, श्रीलंका, कनाडा, आदि देशो एवं भारत के केरल, तमिलनाडू, उत्तराखंड, उतर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, जम्मू, पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र, तलंगाना, सिक्किम, मणिपुर आदि प्रदेशों से साहित्यकारों, लेखको, समाजसेवियो एवं कलाकारों ने भाग लिया। इस अवसर पर उक्त कार्यक्रम में राजकीय महाविद्यालय पिपरहरि तिंदवारी बाँदा के प्राचार्य डा. विनोद कुमार को ‘डा.अंबेडकर राष्ट्रीय फेलोशिप अवार्ड-2021’ से सम्मानित किया गया। पुरस्कार प्राप्त कर बांदा आने पर महाविद्यालय के समस्त प्रध्यापको, मित्रों व परिचितों ने महाविद्यालय एवं जनपद का गौरव बढ़ाने पर इस उपलब्धि के लिए डा. विनोद कुमार को बधाई दी।
लंदन से वापस आयेगी योगनी माता की मूर्ति, ग्रामीणों में छाई खुशी की लहर
पैलानी/बांदा। पर्यटन की असीम संभावनाओं व वीर गाथाओं की थाती सहेजे बुंदेलखंड का नाम फिर विश्व पटल पर चमका है। इस बार वजह बनी है जिले के लोहारी गांव से करीब सौ साल पहले चोरी हुई योगिनी माता की मूर्ति (स्थानीय भाषा में महामाई दाई), जो लंदन के ब्रिटेन में बरामद हुई है। मूर्ति को भारत वापस लाए जाने की खबर से हर कोई खुश है। ग्रामीण कहते हैं, ये आस्था और विश्वास की जीत है। माता फिर अपने भक्तों का कल्याण करने आ रहीं हैं।जनपद के तिदवारी थाना क्षेत्र के लोहारी गांव के बाहर एक बाग के पास टीलानुमा स्थान है। भारतीय उच्चायोग की जानकारी के अनुसार, यहीं से चोरी मूर्ति ब्रिटेन में एक महिला के घर बरामद हुई, जिसे वापस लाने की तैयारी है।
ग्रामीणों के मुताबिक, टीले पर माता का भव्य मंदिर था, जो समय के साथ नष्ट हो गया। गांव से मूर्ति कब चोरी हुई और कहां गई, ये ठीक से किसी को नहीं पता है। हालांकि, मंदिर स्थल में करीब 200 साल से पूजा-अर्चना हो रही। गांव के 85 वर्षीय राम सजीवन ने बताया कि अंग्रेजों के शासनकाल से पहले तक मूर्ति मंदिर में थी। इसके बाद से ही गायब हुई। ऐसा उनके पूर्वज बताते थे। भारत की खोई मूर्तियों और कलाकृतियों को स्थापित कराने के काम में जुटी संस्था इंडिया प्राइड प्रोजेक्ट के सह संस्थापक विजय कुमार ने बताया कि कई साल से इसके लिए प्रयासरत थे। योगिनी माता की मूर्ति कुछ महीने में ही भारत आ जाएगी।
मार्ग हादसे में बाईक सवार युवक घायल
बबेरु/बांदा। बबेरू कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत हरदौली गांव के पास का है। जहां पर नगर कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत साथ ही, गांव के रहने वाले बसंत लाल पुत्र मइयादीन लगभग 38 वर्ष अपने गांव से धौसड गांव रिश्तेदारी में गया था। देर शाम बाइक द्वारा अपने गांव जा रहा था। तभी हरदौली गांव के नहर के पास बाइक सवार बसंतलाल को सामने से फोर व्हीलर गाड़ी ने टक्कर मार दिया। जिससे बाइक सवार ने गम्भीर रूप से घायल हो गया। सूचना मिलते ही बबेरु कोतवाली पुलिस व परिजन पहुचे, और घायल को अस्पताल में भर्ती कराया। जहा पर डॉक्टरों द्वारा उपचार करने के बाद हालात गम्भीर होने पर जिला अस्पताल रिफर कर दिया हैं। वही टक्कर मारने वाले फोर व्हीलर वाहन चालक को गिरफ्तार कर लिया है। औऱ आगे की कार्यवाही पुलिस के द्वारा की जा रही हैं।
जनता के विरोध के बाद नगर पंचायत ने रोका वाटर हार्वेस्टिंग टैंक का निर्माण
तिंदवारी/बांदा। काली देवी मंदिर के बगल से बने नगर पंचायत के मैरिज हाउस का गेट काली देवी प्रांगण से होने व नगर पंचायत द्वारा काली देवी मंदिर प्रांगण में वाटर हार्वेस्टिंग टैंक बनाये जाने को लेकर कस्बेवासियों ने विरोध जताया। मौके पर पहुँचे चेयरमैन प्रतिनिधि ने बन रहे वाटर टैंक को फ़िलहाल रोक दिया है। कस्बे में नगर पंचायत का मैरिज हाल काली देवी मंदिर के बगल से बना हुआ है, इसका मुख्य द्वार सड़क की ओर न होकर मन्दिर के प्रांगण की ओर बना है, जिससे शादी समेत अन्य कार्यक्रमों में कूड़ा कचरा व गन्दगी मंदिर में भी फैलती है, जिसको लेकर कस्बेवासियों ने नगर पंचायत कार्यालय जाकर ईओ अमर बहादुर सिंह से मैरिज हाउस का गेट सड़क की ओर करने व मन्दिर की ओर बने गेट को बन्द कराने की शिकायत करीब एक माह पहले की थी।
मैरिज हाउस का गेट तो बन्द हुआ ही नही बल्कि सोमवार को काली देवी मंदिर प्रांगण में वाटर हार्वेस्टिंग का टैंक बनाने के लिए नगर पंचायत द्वारा एक बड़ा गड्ढा खोद दिया गया, कस्बेवासियों को इसकी भनक लगी तो कस्बेवासियों ने पहुँच कर हंगामा किया, हंगामे की सूचना चेयरमैन प्रतिनिधि भूरेलाल फ़ौजी को मिली तो वह पहुँच कर पहले कस्बेवासियों को समझाने की कोशिश की, स्थिति भाफ़ चेयरमैन बैकफुट पर आते हुए वाटर हार्वेस्टिंग टैंक के काम को रोक दिया। तब जाकर कस्बेवासी शांत हुए। विरोध करने के दौरान किसान नेता राजेन्द्र द्विवेदी, रामबली दीक्षित, कमलाकांत त्रिवेदी, कृष्णा कुशवाहा, राजाराम कुशवाहा, रजनीश गुप्ता, शिवकरन, शिवदर्शन, रामप्रकाश, रामकरन, दीनदयाल आदि मौजूद रहे।
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