बांदा। सरकार द्वारा उन गरीब व्यक्तियों को प्रधानमंत्री आवास उपलब्ध कराए जा रहे हैं जिनके पास रहने के लिए पक्के मकान नहीं है। लेकिन नौकरशाहों के चलते गरीबों को यह सुविधा नहीं मिल पा रही है। ताजा मामला बिसंडा ब्लाक के अंतर्गत ग्राम साथी का है। जहां से आई दर्जनों विधवा महिलाओं ने आरोप लगाया कि उन्होंने रिश्वत की रकम नहीं दी तो उन्हें प्रधानमंत्री आवास नहीं मिला है।
क्षेत्र के समाजसेवी पीसी पटेल जनसेवक में बताया कि ग्राम पंचायत साथी में जो विधवा महिलाएं पात्र थी, जिनके पास रिश्वत देने के लिए पैसा नहीं था। उन्हें सचिव ने प्रधानमंत्री आवास आवंटित नहीं किए। इन महिलाओं के पास कच्चे मकान हैं। इनके पास न तो कोई वाहन है और न पैसा है जिससे यह अपात्र की श्रेणी में आते हो। इस संबंध में जब लाभार्थियों ने दबाव डाला तो सचिव ने अभद्रता करते हुए कहा कि मैं बिना पैसे के कॉलोनी आवंटित नहीं करूंगा।
पीसी पटेल जनसेवक ने कहा कि इस ग्राम पंचायत में केवल प्रधानमंत्री आवास योजना में धांधली नहीं हुई बल्कि मनरेगा के अंतर्गत चमराहा तालाब की मिट्टी निकालने का काम हो या मेड़बंदी अथवा समतलीकरण का कार्य हो सभी में भ्रष्टाचार किया गया है। इस मामले की जांच होनी चाहिए। इस दौरान गांव की पीड़ित महिला माया देवी ने बताया कि गांव के सचिव अंकित अवस्थी ने हमें इसलिए प्रधानमंत्री आवास आवंटित नहीं किया क्योंकि हम उसकी मुंह मांगी रिश्वत देखने देने में नाकाम रहे। आज हम जिला अधिकारी के यहां अपनी शिकायत दर्ज कराने आए हैं।
0 टिप्पणियाँ
Please don't enter any spam link in the comment Box.