- नरैनी विधायक ने की दोषियों के खिलाफ की कार्यवाही की मांग
- जिलाधिकारी ने कही गौवंशियों के शिफ्टिंग की बात
- पूरे मामले की जांच करेंगे मुख्य विकास अधिकारी
बांदा। मध्यप्रदेश की सीमा पर जंगल में अन्ना गायों को दफनायें जाने की खबर सुनकर प्रशासनिक अमले में हलचल मच गयी। आनन फानन में जिम्मेदारों ने एक दूसरे पर ठीकरा फोडते हुए अपने आप को बचाने का प्रयास शुरू कर दिया है। मामले में जिलाधिकारी ने ऐसी घटना से इंकार करते हुए पूरे घटनाक्रम की जांच कराने की बात कही है तो दूसरी ओर गौ सेवकों ने पूरे मामले में प्रशासनिक संलिप्तता की बात कह दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है।
बीते दो दिन पूर्व रातों रात मध्यप्रदेश की सीमा पर जंगल में अन्ना गायों को न सिर्फ छोडा गया बल्कि उन्हें मिट्टी और भारी भरकम पत्थरों में जिंदा दफन करने का प्रयास किया जा रहा था। इस दौरान कुछ स्थानीय लोगों ने गौ सेवकों को इस संबंध में जानकारी दी। जिसके बाद गौसेवक विनोद दीक्षित व सोनू करवरिया ने मौके पर जाकर वहां के हालात देखे।
सोनू करवारिया ने बताया कि नरैनी गौशाला से शनिवार की शाम करीब आठ बजे आठ ट्रकों में जबरन गायों को भरकर ले जाया गया। इस दौरान वहां पर ईओ नरैनी, एसडीएम नरैनी, पशु चिकित्साधिकारी, कोतवाल तथा आरटीओ भी मौजूद थे। जब उन्होंने इस संबंध में उनसे बात करनी चाही तो मौजूद अधिकारियों ने उन्हें भगाने का प्रयास किया और उन पर मुकदमा दर्ज कराने की धमकी दी। बावजूद उन्होंने इस पूरे मामले का वीडियो बनाया। इस पूरे मामले की जानकारी क्षेत्र में जब फैली तो नरैनी क्षेत्र के विधायक राजकरन कबीर अपने सहयोगियों के साथ मध्यप्रदेश की घाटी पहाडीखेडा पहुंचे।
जहां पर उन्होंने दफन गायों को मिट्टी और पत्थरों से बाहर निकलवाया। जिनमें कुछ गायों की मौत हो चुकी थी और कुछ की सांसें चल रही थी। नरैनी विधायक ने मामले की उच्च स्तरीय जांच कराकर मामले में संलिप्त अधिकारियों व कर्मियों पर कडी कार्यवाही की बात कहीं। गौवंशियों को जिंदा दफन करने की खबर जब अखबारों की सुर्खियां बनी तो जिला प्रशासन बैकफुट पर आ गया। खुद जिलाधिकारी अनुराग पटेल ने पूरे मामले पर जानकारी देते हुए ऐसी किसी भी घटना से इंकार किया।
उन्होंने कहा कि मोतियारी मंडी गायों को रखा गया था। लेकिन धान क्रय केंद्र बनाये जाने के बाद यहां से गायों को नरैनी के गुढाकलां में 28, नहरी में 25, मसौनी में 38 व रगौली भटपुरा में 45 कुल मिलाकर 134 गायों को गौशालाओं ने शिफ्ट किया गया है। नरैनी विधायक राजकरन कबीर के बयानों पर उन्होंने इसकों उनका निजी बयान बताते हुए ऐसी घटना से इंकार किया। साथ ही उन्होंने इस पूरे मामले की जांच मुख्य विकास अधिकारी से कराने की बात कही।
गायों की मौत पर बवाल
बांदा के नरैनी में सैकड़ों की संख्या में गोवंश ओं की मौत के मामले में आम जनमानस का आक्रोश फूट पड़ा गुस्साए लोगों ने बांदा कालिंजर राजमार्ग को जाम करके घंटों नारेबाजी की और मोदी योगी के के बैनर फाड़ के फेंक दिए बता दें कि आरोप है कि नरैनी प्रशासन ने बड़ी संख्या में गाय ट्रक में भरकर मध्यप्रदेश में फेंक दिया जहां उनकी मौत हो गई।
इस बात से आक्रोशित ग्रामीण सुबह से ही नरैनी चौराहे में अनशन पर बैठ गए धीरे-धीरे आक्रोशित लोगों ने कार्यवाही की मांग को लेकर मुर्दाबाद के नारे लगाने लगे और आक्रोशित लोगों ने चौराहे में लगे मोदी और योगी के बैनर भी फार डालें आक्रोशित भीड़ का कहना था कि प्रशासन के अधिकारियों पर कड़ी कार्यवाही की जाए गायों की इस प्रकार हत्या को समाज बर्दाश्त नहीं करेगा सूचना पाकर मौके पर पहुंची कई थानों की फोर्स और नरैनी विधायक राजकरन कबीर ने कार्यवाही का आश्वासन देकर समझा-बुझाकर लोगों को शांत कराया जिसके बाद लोग वापस चले गए।
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