- विश्व मृदा दिवस के अवसर पर कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति ने किया संबोधित
अरबिंद श्रीवास्तव, ब्यूरो चीफ
बांदा। मानव सभ्यता से लेकर अब तक सभी के लिए भरण पोषण मृदा द्वारा ही सम्भव हो पाया है। आज हम स्वस्थ है इसलिए कि मृदा हमारी अस्वस्थ नहीं है। जिस दिन मृदा अस्वस्थ हो गई या प्रदूषित हो गई उस दिन मानव के साथ-साथ सभी जीव जन्तुंओं का विनाश हो जाएगा। कृषि के क्षेत्र से जुड़े हुए सभी लोगों की यह जिम्मेदारी है कि हम इस जननी को जिसे हम धरती माँ कहते है प्रदूषित होने से बचाये।मृदा श्रृष्टि की जननी है। धरती पर मनुष्य ही सबसे समझदार प्राणी है सभी मानव का यह कर्तव्य है कि किसी भी तरह से इस माँ के गोद को हम प्रदूषित होने से बचायें। यह उद्गार बाँदा कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, बाँदा के कुलपति, प्रोफेसर नरेन्द्र प्रताप सिंह, ने कृषि महाविद्यालय के बहुउद्देशीय सभागार में आज को विश्व मृदा दिवस के आयोजन के अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि व्यक्त किया।
प्रो0 नरेन्द्र प्रताप सिंह ने विश्वविद्यालय के शिक्षको एवं छात्र छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि यह सभी की साझा जिम्मेदारी है कि हम इस बारे में विशेष रूप से सोचे। प्रो0 सिंह ने कहा कि हम सभी अपने दायित्वो का भलिभाँति निर्वहन कर, परिसर के वातावरण एवं संसाधनों को विकसित करने तथा शिक्षा एवं व्यक्तित्व निर्माण के लिए हमेशा प्रेरित रहे। उन्होने कहा कि जिस तरह से शहरीकरण एवं आधार भूत ढांचा का विकास हो रहा है उससे मृदा स्वास्थ्य पर अत्यंत विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि इस विषय पर सभी को सामूहिक चिंतन करने की आवश्यकता है। हम सभी की जिम्मेदारी है कि परिसर को स्वच्छ व स्वस्थ रखे, कम से कम वाहनो का उपयोग करें, प्लास्टिक उपयोग से बचे तथा इसके रिसाइक्लिंग पर भी विचार करें।
विश्व मृदा दिवस, कृषि महाविद्यालय के मृदा विज्ञान एवं कृषि रसायन विभाग द्वारा मनाया गया। कार्यक्रम में स्नातक, परास्नातक व पीएचडी के छात्रों ने भाग लिया। छात्रों में मृदा स्वास्थ्य एवं मृदा संरक्षण के लिए जागरूक करने हेतु एक प्रश्नोतरी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। प्रश्नोतरी में 200 से अधिक छात्रों ने प्रतिभाग किया था। इसके अलावा छात्रों में मृदा एवं विश्व स्वास्थ्य के प्रति जानकारी एवं संवेदना जागृति करने के लिए पोस्टर प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया था। कार्यक्रम के दौरान स्नातक, परास्नातक छात्रों के लिए अलग-अलग क्विज और पोस्टर विजेता को प्रमाण पत्र वितरित किये गये।
कार्यक्रम में निदेशक प्रसार प्रो0 एन0 के0 वाजपेयी ने मृदा का पौराणिक एवं धार्मिक महत्व बताते हुए अपनी जिम्मेदारियों से लोगो को जागरूक किया। प्रो0 वाजपेयी ने छात्रों के साथ-साथ शिक्षकों से आहवान किया कि इस धरती को स्वस्थ रखने के लिए हमें दूसरों को भी जागरूक करना होगा। कुलसचिव डा0 एस0 के0 सिंह ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए मृदा संरक्षण पर जोर दिया। अधिष्ठाता कृषि डा0 जी0 एस0 पवार ने बच्चो का उत्साह वर्धन करते हुए कहा कि बच्चो को अधिक से अधिक इस प्रकार की गतिविधियों में भाग लेना चाहिए।
इससे बच्चों में मौलिकता का सृजन होता है। मृदा विज्ञान एवं कृषि रसायन विभाग के अध्यक्ष डा0 जगन्नाथ पाठक ने विश्व विद्यालय के प्रक्षेत्र का पोषक तत्व स्तर का प्रस्तुतिकरण किया एवं विश्वविद्यालय के मृदा स्वास्थ्य के विषय में बताया। कार्यक्रम के आयोजन में प्रो0 आनंद चौबे, डा0 देव कुमार, डा0 अमित मिश्रा, डा0 जे0 के0 तिवारी, डा0 अरविंद गुप्ता ने बहुमूल्य योगदान दिया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के अधिष्ठातागण, निदेशक, शिक्षकगण एवं छात्र छात्राओं ने बड़ी संख्या में प्रतिभाग किया।
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