शिवम सिंह, संवाददाता
तिंदवारी/बांदा। किसानी में बुंदेली महिलाएं भी पीछे नहीं है इसका उदाहरण आपको बांदा जनपद तिंदवारी के भुजरख ग्राम में देखने को मिलेगा जहा पर रानी विश्वकर्मा जो गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाली महिला है जो अपनी थोड़ी सी जमीन पर हरी खाद तैयार कर जैविक खेती को अपनाया रानी विश्वकर्मा ने बताया कि मेरे पति परदेश में मजदूरी करते है। मै अपने बच्चों की देख-रेख घर पर करती है।
उसके साथ खाद की कालाबाजारी से परेशान होकर जीवन को स्वास्थ्य बनाने के लिए मैंने जैविक अपनाया जो एक महिला सशक्तिकरण की एक मिसाल है। जहा पर ग्राम विकास फाउंडेशन के अध्यक्ष डा अनिल शर्मा ने अपनी टीम के साथ वहां पहुंचकर रानी विश्वकर्मा का उत्साहवर्धन किया।
डा अनिल शर्मा ने कहा यदि सभी किसान इस पद्वति को अपनाना शुरू कर दे तो निश्चित जहरयुक्त खेती से निजात मिल जायेगी और लोगो का जीवन सुखमय हो जायेगा।
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