- 84 शिकायतों में हुआ मात्र 5 का निस्तारण
- समाधान दिवस में राजस्व और पुलिस के सबसे ज्यादा मामले बांदा
- तहसील दिवस में जिलाधिकारी ने लापरवाह सहायक चकबंदी अधिकारी का रोका वेतन
- समस्याओं के निराकरण को लेकर तहसील दिवस में सख्त लहजे पर दिखे जिलाधिकारी
अतर्रा (बांदा)। जिलाधिकारी के तेवर समस्याओं के निस्तारण में सख्त रहे हैं। समाधान दिवस में सुनवाई के दौरान काम न करने पर जहां अधिकारियों को फटकार लगाते हुए कार्रवाही किया। वहीं दूसरी तरफ फरियादियों की समस्याओं के निराकरण करने के आदेश दिए। दिवस में चौरासी फरियादी आये। जिनमे मात्र पांच का मौके पर निस्तारण किया गया। जिलाधिकारी बांदा अनुराग पटेल की अध्यक्षता में सम्पूर्ण समाधान दिवस तहसील सभागार में संपन्न हुआ।जिसमे ओरन के शिकायतकर्ता राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि वरासत दर्ज होने के लिए 22 सितंबर 2020 को चकबंदी विभाग द्वारा आदेश हो गया था, लेकिन विभागीय लापरवाही के चलते अभी तक वरासत दर्ज नही हुई है।
जबकि आदेश होने के बाद बीते छह जुलाई 2021 को प्रार्थना पत्र भी दिया गया है। उसके बावजूद आज तक वरासत दर्ज नही हुई है।जिस पर जिलाधिकारी बांदा ने सख्त रुख अपनाते हुए सहायक चकबंदी अधिकारी रामदास यादव का अग्रिम आदेशों तक वेतन रोकने के निर्देश दिए हैं। ऐसे ही ग्राम पंचायत सेमरिया कुशल के आठ सदस्यों ने डीएम को प्रार्थना पत्र देते हुए बताया कि निर्वाचित हुए आठ माह गुजर गए हैं, लेकिन अभी तक सचिव ने प्रमाण पत्र नही दिया है। जिस पर डीएम ने खंड विकास अधिकारी नरैनी को पंचायत सदस्यों के प्रमाण पत्र दिलाने के निर्देश दिए हैं।
एक सप्ताह पहले सूने घर मे चोरी की घटना में पूर्व राजस्व निरीक्षक कौशल किशोर तिवारी ने पुलिस अधीक्षक से खुलासे की गुहार लगाई। जिस पर एसपी ने प्रभारी निरीक्षक को दोबारा मौका मुआयना कर शीघ्र खुलासे के निर्देश दिए हैं। समाधान दिवस में ज्यादातर धान खरीद, आवास व जमीन कब्जे के मामले की शिकायतें रही। इस दौरान सीडीओ वीडी मौर्या एसडीएम वीपी तिवारी, सीओ आनंद पांडेय, तहसीलदार विजय प्रताप सिंह सहित सभी विभागीय उच्चाधिकारी मौजूद रहे।
विभाग शिकायत निस्तारण
पुलिस 15 -
राजस्व 27 02
विकास 09 -
समाज कल्याण 02 -
स्वास्थ्य 01 -
अन्य 30 03
कुल 84 05
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