क्यू के बाद?

 

आन्या, जौनपुर

"भीड़ में भी खुद को अकेला पाती हूं क्यू?
मतलब के जमाने में सब मतलबी है यहां 
न कोई दोस्त है, न दुश्मन 
बस सब दिखावा है यहां 
खाली हाथ आए हो, खाली हाथ जाओगे।
बस तुम्हारी मुट्ठी में है, उसको खोल कर देखो। 
कभी पूरी दुनिया पाओगे।
फिर भी भीड़ में मैं खुद को अकेला पाती हूं क्यू?"

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