मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु उसका क्रोध होता है : ख़ाकसार

पचपेड़वा। छात्र छात्राओं के चतुर्मुखी विकास व बौद्धिक स्तर को ऊंचा उठाने के लिए ये ज़रूरी है कि वो राष्ट्रनायकों, युग पुरुषों के जीवन और उनके संघर्षों से परिचित हों, वो उनके सिद्धांतों एवं आदर्शों को आत्मसात करके सफलता के नए नए कीर्तिमान बना सकते हैं। इसी उद्देश्य के तहत बलरामपुर जिले के पचपेड़वा स्थित जे.एस.आई. स्कूल में हर शनिवार को एक नए श्रृंखला की शुरुआत की गई है। जिसके तहत युग पुरुषों और महानायकों के जीवन से बच्चों को रूबरू कराया जाता है। दिनांक चार दिसंबर को सत्य और अहिंसा का पाठ पढ़ाने वाले गौतम बुद्ध  के जीवन से जुड़े रोचक व प्रेरक प्रसंगों से स्कूल के प्रबन्धक सग़ीर ए ख़ाकसार ने बच्चों को अवगत कराया। 

ख़ाकसार ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि गौतम बुद्ध का जन्म लुम्बिनी में हुआ था उनके पिता का नाम राजा शुद्दोधन था और माता का नाम महामाया देवी था। गौतम बुद्ध के संदेश सभी के लिए प्रेरणादायी हैं। उनका कहना था कि मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु उसका क्रोध होता है मनुष्य को शांत, सफल और सुखमय जीवन बिताने के लिए अपने क्रोध पर नियंत्रण रखना चाहिए। बुद्ध ने हमें सत्य, अहिंसा, शांति, करुणा, दया, सहिष्णुता का पाठ पढ़ाया।

ख़ाकसार ने गौतम बुद्ध के जीवन से जुड़े रोचक व प्रेरणादायी संदर्भों से छात्र छात्राओं को अवगत कराया। उन्होंने उनके जीवन से जुड़े कई प्रसंगों को बच्चों के समक्ष रखा जिससे बच्चे अभिभूत हो गए। इस अवसर पर रवि प्रकाश श्रीवास्तव, मुदस्सिर अंसारी, किशन श्रीवास्तव, साजिदा खान, राजेश यादव, विनोद शुक्ला, अंजुम सफिया, दीपक कौशल, शमा, नाज़नीन फातिमा, महजबीन आदि की उल्लेखनीय उपस्थिति रही।

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