- ब्लैक लिस्टेड विपुल त्यागी की कंपनी कर रही दिन-रात अवैध खनन
- क्षेत्रीय गुड्डू की संलिप्तता से ब्लैक लिस्टेड कंपनी की बांखें खिली
- प्रशासन गुड्डू सिंह की जी हजूरी को बर्दाश्त करेगा या जीवन दायिनी केन को लुटता हुआ देखता रहेगा
बांदा। बांदा में केन नदी को खोखला बनाने का षडयंत्र चल रहा है। प्रशासनिक वरदहस्त पायें खनन माफिया दिनरात जीवनदायिनी नदियों की कोख को उजाड़ अपनी काली कमाई को दिन दूनी रात चौगुनी बढा रहे है। भारी भरकम मशीनरी से दिनरात नदी से बालू निकाल कर ट्रकों पर ओवरलोड भरकर अन्य जगहों पर भेजा जा रहा है। हाल यह है कि पूर्व में ब्लैक लिस्टेड हो चुकी कंपनियों को रोक पाने में प्रशासन बिल्कुल भी तरजीह नहीं दे रहा।
जनपद में इस समय आधा दर्जन से अधिक बालू खदानों में खनन कार्य चल रहा है। जिनमें अधिकतर में मानक के विरूद्व कार्य हो रहे है। भारी भरकम मशीनरी के बलबूते दिन-रात जीवनदायिनी केन नदी का सीना चीर कर उसकी कोख को उजाडा जा रहा है। हाल यह है कि पूर्व में ब्लैक लिस्टेड हो चुकी कंपनियां बढ चढकर अवैध खनन कर प्रशासन को मुंह चिढा रही है। पैलानी तहसील क्षेत्र के अमलोर गांव स्थित बालू खदान इसका जीता जागता उदाहरण है। जहां पर पूर्व में जरर बालू खदान में अनियमितताएं बरतने के कारण ब्लैक लिस्टेड हो चुकी विपुल त्यागी की कंपनी को पट्टा मिला हुआ है।
विपुल त्यागी तिंदवारी क्षेत्र के एक उभरते हुए नेता गुड्डू सिंह जो कि भाजपा से विधानसभा चुनाव के लिए टिकट की दावेदारी भी कर रहा है, के सहयोग से यहां पर दिनरात अवैध खनन कर रहा है। गुड्डू सिंह अपनी राजनैतिक महत्वाकांक्षा को पूरा करने के लिए त्यागी एंड कपंनी का भरपूर सहयोग कर उनके ओवरलोड ट्रकों को प्रशासनिक अधिकारी पर रौब झाडकर पास कराता है।
वहीं जिला प्रशासन व खनिज विभाग पता नहीं किस दबाव में इस ओर से अपना मुंह फिराये हुये है। स्थानीय लोगों का मानना है कि अवैध खनन का विरोध करने पर उनके साथ मारपीट की घटनाएं आम हो गयी है। कई बार प्रशासनिक अधिकारियों को इस संबंध में जानकारी भी दी गयी। लेकिन रसूखदार गुड्डू के चलते अधिकारी उनकी फरियादों को दरकिनार कर देते है। अब देखना यह होगा कि कब तक जिला प्रशासन रसूखदार गुड्डू सिंह की जी हजूरी को बर्दाश्त करेगा और जीवनदायिनी केन को लुटता हुआ देखता रहेगा।
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