- भूख की तड़प में मन कहेगा कि नाली में पडी रोटी का टुकड़ा खा लें, ऐसा समय दिख रहा है
- आगे जब अंग्रेजी दवायें भी फेल होंगी, उत्पादन ही बंद हो जाएगा तो पुरानी पद्धति में लोगों को आना पड़ेगा
उज्जैन, मध्य प्रदेश। जीवों के सच्चे हितेषी और कुदरत के कहर से बचाने के लिए दिन-रात अथक परिश्रम करने वाले उज्जैन के पूज्य संत बाबा उमाकांत जी महाराज ने 30 मार्च 2020 को उज्जैन आश्रम में दिए व यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेम पर प्रसारित संदेश में बताया कि प्रेमियों आज मैं 30 मार्च 2020 को बता रहा हूं, आगे अन्न की भारी कमी होगी, दवाएं तो मिलेंगी नहीं।
नाली में पड़ी हुई रोटी को देखकर भूख से व्याकुल व्यक्ति की उठाकर खाने की इच्छा पैदा हो जाएगी
अन्न कि जब भारी कमी होगी, भूख से जब लोग तड़पेंगे तब यह मन कहेगा कि नाली में पड़ी रोटी को धो करके खालें। ऐसा समय हमको दिखाई पड़ रहा है। भूख में अन्न के दाने की कीमत बढ़ेगी, इसलिए अन्न बचाओ। एक भी दाना बेकार न जाये।
तुलसी, सोंठ, पीपल, नीम, आँवला इनको गमलों और खेतों में उगाओ
बहुत पहले कहा गया था कि दवाओं की तुम लोग खोज कर लो जानकार वैद्य से, रख लो। तुलसी, सोंठ, पीपल, नीम, आँवला इनको गमलों और खेतों में उगाओ। नीम का पेड़ मत काटो। आगे जब इंजेक्शन भी फेल हो जाएंगे, उत्पादन ही बंद हो जायेग, लोग निराश हो जाएंगे तब इन्हीं दवाइयों से शारीरिक कष्ट, तकलीफों में संजीवनी के समान राहत मिलेगी। जो इस के जानकार लोग हो वो बता देना लोगों को कि भाई इस तरह से इसका प्रयोग कर लो।
आपने अमीरी के घमंड में बिजली व्यर्थ की तो अस्पताल में ऑपरेशन में मरीज की गयी जान वापस कैसे लाओगे?
बिजली से मशीनें चलती हैं। ऑपरेशन में, वेंटीलेटर लगाकर किसी की जान बचाना है, उसके सांस को चालू करना है और बिजली नहीं है तो? आपने बिजली बहुत खर्चा कर दिया, बेकार का जल रहा है। आपने उसकी कोई कीमत नहीं समझी, बोले हमारे पास पैसा है, बिल आएगा तो हम दे देंगे, कोई बात नहीं, क्या फर्क पड़ता है। लेकिन जान तो उसकी चली जाएगी, जब आप ज्यादा बिजली खर्च कर दोगे।
विकट समय आ रहा है, सभी तक ये बचत का संदेश पहुंचा दो
जब परिस्थितियां ऐसी आएगी कि आदमी जान बचाने के लिए भागेगा तब कोई पावर हाउस चलाएगा ताकि आपको बिजली मिले? या आपको पेट्रोल मिलेगा जब गाड़ियां बंद हो जाएंगी, बाहर से नहीं आ पाएंगी, बाहर से पेट्रोल नहीं आ पाएगा तो व्यवस्था अस्त-व्यस्त हो जाएगी। इसलिए आप प्रेमी इस बात को याद रखो। अगर यह बात हमारे देशवासियों तक पहुंच जाए किसी भी माध्यम से, आप पहुंचा दो कि इस समय पर बचत की जरूरत है, हर चीज की बचत की जरूरत है।
जिम्मेदारों, अधिकारियों, प्रतिनिधियों को भी अपनी प्रतिष्ठा बचाने की जरूरत है
जो अधिकारी वर्ग के लोग हो, जनप्रतिनिधि हो, जो देश के व प्रांतों के जिम्मेदार हो, देश की व्यवस्था को संभालते हो, सबको अपनी इज्जत प्रतिष्ठा बचाने की जरूरत है।
आगे मोबाइल, इंटरनेट पर भी भारी प्रभाव पड़ेगा
अब तो गांव में जगह-जगह जाकर प्रचार करने का, भाषण देने का समय नहीं है। जैसे इस समय निकल नहीं सकते हो लेकिन अभी और साधन बंद नहीं हुए हैं। आगे चलकर के यह भी तो ठप होंगे। ये मोबाइल, इंटरनेट यह सब इन पर भारी प्रभाव पड़ेगा। लेकिन जब तक यह साधन मौजूद हैं आप लोग अपने तौर-तरीके से प्रेमियों जो जहां पर हो, उसी हिसाब से इसका प्रचार करो।
संकट में रक्षक जयगुरुदेव नाम और नामध्वनी के बारे में सबको बताओ
जयगुरुदेव नाम की ध्वनि के बारे में ज्यादा से ज्यादा लोगों को बताओ। जो लोग पैदल जा रहे हैं, बैठे हुए हैं, जगह-जगह पर हैं सबको बताओ। इस समय तो देश में हल-चल, भगदड़ मची हुई है। सब जयगुरुदेव बोलते हुए ही आवे-जावें। जहां कहीं भी आप किसी को पानी पिलाते हो, रोटी खिलाते हो वहां भी जय गुरु देव नाम की ध्वनि बोलवाये रहो। रटा दो इनको जय गुरु देव नाम की ध्वनि और जय गुरु देव नाम इनको याद करा दो, यह भी लोगों की तकलीफों में आराम देगा।
लोगों को बताने-समझाने पर समझ में न आए और कर्मों की सजा मिलने लगे तो क्या कहा जा सकता है
हम तो यह नहीं चाहते कि भूख से तड़पकर लोग मरें। मालिक से प्रार्थना करते हैं कि भूख से तड़पा करके लोगों को मत मारो। लेकिन अब कर्मों के अनुसार वह समय आ जाए, बताने-चेताने पर भी लोगों के समझ में न आवे और कर्मों की सजा मिलने लग जाए तो उसके लिए क्या कहा जाए।
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