- बुंदेलखंड के सातों जनपदों में पहले पायदान पर
- बांदा में अब तक 82.11 फीसद किशोर/किशोरियो को लगा टीका
- अपर निदेशक बोले जिलाधिकारी के निर्देश पर आई तेजी
बांदा। कोरोना की रफ्तार को काबू में करने को लेकर स्वास्थ्य महकमा कोविड टीकाकरण को गति देने में जुटा है। इसके सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। किशोरों के टीकाकरण में जिला प्रदेश में छठवें और बुंदेलखंड में पहले स्थान पर है। लक्ष्य के सापेक्ष अब तक लगभग 82.11 फीसद किशोर/किशोरियों को टीका लगाया जा चुका है। बुंदेलखंड के सातों जनपद में यह सबसे ज्यादा है।
चित्रकूटधाम मंडल के अपर निदेशक स्वास्थ्य डा. नरेश सिंह तोमर ने बताया कि बांदा जनपद में कोविड टीकाकरण के लिए 15 से 17 साल की आयु वाले लगभग 1.26 लाख किशोरों को चिह्नित किया गया है। जिलाधिकारी अनुराग पटेल के निर्देश पर ब्लाक स्तर और स्कूलों में मोबाइल बूथ बनाकर कोरोनारोधी वैक्सीन की डोज लगाई जा रही है। शुरूआत में किशोरों के टीकाकरण की गति धीमी थी, लेकिन अब रोजाना 4 से 5 हजार किशोरों को राहत की डोज लगाई जा रही है। बांदा जनपद में अब तक 1.03 लाख से अधिक किशोरों को राहत की डोज लग चुकी है। इससे प्रदेश में जनपद छठवें स्थान पर पहुंच गया है। शासन के मानक के अनुरूप विभाग टीकाकरण को पूरा करने में जुटा है।
झांसी व चित्रकूटधाम मंडल के प्रोजेक्ट आफीसर (यूएनडीपी) चंद्रभूषण ने बताया कि कशोर टीकाकरण में बुंदेलखंड के सातों जनपदों में बांदा सबसे आगे है। दूसरे नंबर पर झांसी जनपद है। यहां 1.40 लाख के सापेक्ष 96 हजार यानी 69.10 फीसद टीकाकरण हो चुका है। चित्रकूट में 1.40 लाख के मुकाबले 45 हजार यानी 65.77 प्रतिशत, जालौन में 1.18 लाख में 71 हजार यानी 60.66 फीसद, हमीरपुर में 77 हजार में 42 हजार यानी 55.38, ललितपुर में 85 हजार में 47 हजार यानी 54.94 और महोबा में 61 हजार के लक्ष्य के सापेक्ष 33 हजार यानी 54.06 फीसद टीके लगाए जा चुके हैं।
कोरोना से निपटने की मुकम्मल तैयारी
अपर निदेशक ने बताया कि मंडल में कोरोना संक्रमण के खतरे से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने अस्पतालों में हर जरूरी तैयारी कर ली है। अस्पतालों में आक्सीजन प्लांट को सक्रिय कर दिया गया है। वहीं बेड, वेंटिलेटर और आईसीयू की सुविधा भी मुकम्मल की गई है। इसके अलावा चिकित्सकों और स्वास्थ्यकर्मियों की टीम को भी अलर्ट कर दिया गया है। स्थानीय स्तर पर कोरोना जांच शुरू होने से सैंपलिग में भी तेजी आई है। मंडल में रोजाना आठ से 10 हजार लोगों के सैंपल की जांच हो रही है।
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