दिल-दिमाग, बुद्धि को सही रखने व लड़ाई-झगड़ा, विनाश से बचने के लिए हो जाओ शाकाहारी - सन्त बाबा उमाकान्त

  • भ्रष्टाचार और अपराध जितना भी बढ़ रहा है मांस और शराब की वजह से ही बढ़ रहा है
  • आगे कश्मीर से कन्याकुमारी तक कोई भी शराब-मांस की दुकान नहीं होगी, आदमी न बंद करा पाया तो कुदरत बंद करा देगी

समस्तीपुर (बिहार)। आजकल बढ़ती बीमारियों, अपराध, भ्रष्टाचार की वजह और रोकने का उपाय बताने वाले, लोगों को कुदरत के आगामी कहर से बचने के लिए चेताने, समझाने वाले सभी का कल्याण चाहने वाले उज्जैन के सन्त बाबा उमाकान्त जी ने 2 मार्च 2021 को समस्तीपुर (बिहार) में दिए व यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर प्रसारित संदेश में बताया कि मनुष्य के अंदर जो खून है वह शाकाहारी है। 

आजकल बढ़ती बीमारियों का मुख्य कारण मांसाहार हैं। अगर लोगों ने मांस नहीं छोड़ा तो अभी आपने बीमारी क्या देखी है? बीमारियां तो अभी आगे आ रही हैं। जब मैं पहले बोला करता था कि ऐसी-ऐसी बीमारियां आएंगी की डॉक्टर दवा खोजते रह जाएंगे और बहुत से लोग मर जाएंगे तब कोरोना के बारे में कोई सोचा था? यह तो है आने वाले समय का ट्रेलर, पिक्चर तो अभी आगे चालू होगी।

जब तकलीफें आएंगी तो माफी और संभलने का वक्त खत्म हो जाएगा, अभी मौका है जीव हत्या छोड़ दो ः इस समय माफी और संभलने का वक्त है। सुबह का भूला शाम को घर आ जाए तो भूला नहीं कहलाता। चाहे जान में खाए या अनजान में, अब तो छोड़ दो। जान है तो जहान है। जब जान ही नहीं रहेगी तो जुबान क्या स्वाद लेगा।

परमात्मा की अंश जीवात्मा पशु-पक्षियों में भी होती है और आदमी के समान उनको भी होती है दर्द तकलीफ ः कई जगह है जहां कोई बताने वाला ही नहीं कि मांस नहीं खाना चाहिए। मैं दौरा करता हूं, ऐसी जगह पर जाता हूं जहां कोई नहीं जाता। एकदम पहाड़ी, निर्जन खराब रास्ता लेकिन वहां पर हमको जाना पड़ता है। हमारा तो काम यही है जीवों की भलाई का, सुख-शांति दिलाने का, आत्मा के कल्याण का रास्ता बताना। बड़े-बड़े शहरों में, विदेशों में, छोटी जगहों में, 15-16 देशों में गया, सब जगह नाम दान दिया, लोगों को बताया-समझाया। 

उड़ीसा जैसी जगहों में लोगों ने बताया कि यहां तो कोई बताया ही नहीं कि मांस नहीं खाना चाहिए। यहां तो सब खाते हैं। पंडित, मुल्ला, पुजारी, उपदेशक, जितने भी हैं भगवान के भगत कहलाते हैं, तिलक लगाते, कंठी पहनते, सब खाते हैं। यह तो नई चीज आप बता रहे हो। प्रेमियों यह भी बताने-समझाने की जरूरत है कि अनजान में गलती बन जाती है तो उसकी माफी हो जाती है। लेकिन अगर जानकर गलती जो करता है उसकी माफी नहीं होती। तो आप लोग जीवों पर करो दया।

शराब, मांस बंद हो जाए तो 50% रोग दोष, लड़ाई-झगड़ा, अपराध, भ्रष्टाचार पूरे विश्व में तुरन्त बंद हो जाय ः आपकी उंगली में कांटा चुभ जाए, कट जाए तो दर्द होता है। ऐसे ही जानवरों को भी दर्द होता है। बकरी के बच्चे को अपने बच्चे की तरह पालते हो लेकिन जुबान के स्वाद के लिए उसको काट देते हो। आपके बच्चे को कोई थप्पड़ मार दे तो आपको कितना दर्द होता है, आप लड़ाई-झगड़ा, कत्ल तक कर डालते हो। ऐसे मुर्गी, बकरी पर भी दया कर दो। सब लोग संकल्प बना लोगे तो अभी जीव हत्या बंद हो जाएगी।

दिल दिमाग बुद्धि को सही रखने व लड़ाई झगड़ा से बचने के लिए हो जाओ शाकाहारी ः एक समय ऐसा आएगा जब कश्मीर से कन्याकुमारी तक मांस, मछली, अंडे, शराब की दुकान ही नहीं रहेगी। सब बंद हो जाएंगी। वैचारिक क्रांति द्वारा विचारों में परिवर्तन लाकर आदमी बंद कराएगा। अगर आदमी बंद नहीं करा पाया तो कुदरत बंद कराएगी। इसलिए सावधान हो जाओ।

सन्त उमाकान्त जी के वचन ः सतसंग सुनो और सुनाओ, सुख शान्ति का रास्ता पाओ। मनुष्य शरीर मन्दिर, मस्जिद, गुरुद्वारे की तरह से है। नाम की कमाई तब होगी जब गुरु का आदेश मानोगे। नाम की कमाई सब विकारों को जला देती है। मन को मोड़ सतसंग में आओ, लोक-परलोक दोनों फल पाओ।

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