- इतिहास साक्षी है अहंकार में रावण, कंस, दुर्योधन सबका खात्मा हो गया इसलिए अहंकार मत करो
- विनाश करवा कर नहीं, लोगों की जान बचा कर नाम कमाओ
इंदौर (मध्य प्रदेश)। अपनी भौतिक संपन्नता के अहंकार में सर्वशक्तिमान प्रभु को भूल गलत कामों में लिप्त होते मनुष्य को बार-बार चेताने वाले, पूरे विश्व की स्थाई सुख शांति के लिए उपाय बताने वाले, इस समय के महापुरुष उज्जैन वाले त्रिकालदर्शी सन्त उमाकान्त जी महाराज ने 30 मार्च 2022 को इंदौर आश्रम में दिए व यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित संदेश में विश्व युद्ध के मंडराते बादलों को दूर हटाने के लिए प्रार्थना कि की विश्व के बड़े-बड़े जो देश हैं, राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री या जो भी मुखिया हैं, आप अहंकार किसी बात का न करो।
आपके अंदर प्रभुता, ताकत है तो इसको परछाई समझो। वह जनता जिसने आपको राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री बनाया, ऊंची जगह पर पहुंचाया, वही जनता आपके क्रियाकलाप, अहंकार, गलती से जब यह देखेगी कि यह तो हम ही को मरवाने में, हमारे बाप-दादा की कमाई खत्म करने में लगे हुए हैं, घर-मकान जो बाप-दादा बना करके गए उसको यह दुश्मनी पैदा करके दूसरे देश से बम गिरवा कर खत्म करने में लगे हुए हैं तो जनता निकाल बाहर कर देगी।
विश्व युद्ध का धुआं जो आसमान में दिखाई पड़ रहा है इसको करो खत्म : इसीलिए कहता हूं अहंकार मत करो। अहंकार को खत्म कर दो। लड़ाई मत करो। यह बार-बार मैं प्रार्थना कर रहा हूं।
विनाश करवा करके नहीं, लोगों की जान बचा करके नाम कमाओ : कुछ लोग तो लड़ रहे हैं और कुछ लोग लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। कुछ लोग बस हम आगे निकल जाएं, हम आगे बढ़ जाएं। अरे विनाश की तरफ क्यों बढ़ रहे हो? विनाश में क्यों तरक्की करना चाहते हो? विनाश करवा करके क्यों नाम कमाना चाहते हो? विकास करके नाम कमाओ। जान बचाओ, रक्षा करो, उसमें आप नाम कमाओ। इसलिए प्रार्थना करता हूं कि अहंकार आदमी को नहीं होना चाहिए।
सन्त उमाकान्त जी के वचन
- मन को वश में करने का चिमटा सन्तों के पास होता है।
- छोटे बच्चे जो पाप करते हैं उसकी सजा माता-पिता को मिलती है।
- गुरु की वाणी में अपार शक्ति भरी हुई है।
- बीमारी भगाने का केवल एक उपाय- तजो नशा, शाकाहार अपनाओ।
- विश्व बने धर्मात्मा, पापों का हो खात्मा।
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