- नदी में जलधारा में हो रहा जमकर अवैध खनन
- केन नदी का अस्तित्व समाप्त करने को उतारू है माफिया राजू प्रजापति
अरबिंद श्रीवास्तव, ब्यूरो चीफ |
इन्हें न तो शासन का डर है और न प्रशासन का खौफ है। तभी तो इन्होंने नदी के बीच धारा में रास्ता बना दिया है और इसी रास्ते के जरिए नदी के बीचो-बीच प्रतिबंधित हैवीवेट पोकलेन मशीनें पहुंच गई हैं। जो 3 मीटर गहराई तक नदी का सीना चीर कर बालू निकाल नहीं है। प्रतिबंधित मशीनों के जरिए बालू खनन किए जाने से जहां एक और जलीय जीव जंतु नष्ट हो रहे हैं। वही नदी का अस्तित्व भी मिटने की कगार में है। नदी के बीचो-बीच बनाए गए रास्ते से बालू भरे ट्रकों को निकाला जा रहा है ।
मरौली खण्ड चार के अवैध खनन और ओवर लोडिंग का वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद भी प्रशासन हाथ पर हाथ धरे बैठा हैं। बताते चलें कि मरौली खण्ड चार में अवैध खनन अपने पूरे सबाब पर है। ओवर लोडिंग की वायरल तस्वीर के साथ जिससे स्पष्ट है कि बालू माफिया बेखौफ होकर अवैध खनन में लिप्त हैं। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि केवल मरौली खण्ड चार के बालू खदान में यह सब नहीं हो रहा बल्कि जिले के अन्य बालू खदान में भी इसी तरह की घटनाएं हो रही हैं। खनिज विभाग मात्र औपचारिकता निभा रहा है जिससे बालू खनन का अवैध धंधा फल-फूल रहा है और दिनोंदिन के नदी का अस्तित्व मिटता जा रहा है।
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