विश्व में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, सेना अध्यक्षों से बाबा उमाकान्त जी की प्रार्थना- विश्व युद्ध को टालो, लोगों की जान बचाओ : बाबा उमाकान्त

  • सबको सद्बुद्धि आ जाये, अच्छी बातों को अपना लें तो विश्व युद्ध टल जाएगा नहीं तो विश्व युद्ध अवश्यंभावी

उज्जैन (मध्य प्रदेश)। देश-विदेश की और समस्त मानव जाति के हित की बात कहने में बिल्कुल न झिझकने वाले, भारत के इतिहास में सर्वाधिक जन समर्थन लेकर देश हित के लिए समय-समय पर जरूरी उपाय बिना डरे डंके की चोट पर बताने वाले इस समय के महान समाज सुधारक, पक्के देश भक्त उज्जैन वाले सन्त बाबा उमाकान्त जी महाराज ने 17 अक्टूबर 2020 को दिए व यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेम प्रसारित सन्देश में बताया कि देखो सीमाओं पर बड़ी तेजी से तैयारियां हो रही हैं। लड़ाईयों की तैयारी कौन करा रहा है? ये जो कुर्सी के प्रेमी राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, देश के मालिक हैं। चाहे अपनी बचत के लिए ही तैयारियां क्यों न करा रहे हो कि हमारा देश, देश की संपत्ति, प्रतिष्ठा बच जाए या चाहे इसीलिए कर रहे हो कि हमारी कुर्सी बरकरार रह जाए, दोबारा चुनकर हम फिर आ जाएं लेकिन अपनी (स्वयं की) मौत को लोग भूले हुए हैं।

अपनी मौत को ऊंची कुर्सी, मान-प्रतिष्ठा वाले लोग भूले हुए हैं

यदि कोई बम गिर जाए, कोई कीटाणु ऐसे आ जाएंगे जिसका वायरस आप में भी फैल जाएगा, आपको भी तकलीफ झेलनी पड़ेगी, शरीर छोड़ना पड़ेगा तो उनको भी मौत याद आ जाएगी। दूसरे की जान की कीमत जो नहीं भी समझ में आ रही है, जब यह हो जाएगा कि यह कीमती चीज निकल जाएगी, शरीर छूट जाएगा, कुर्सी छूट जाएगी, मान-प्रतिष्ठा खत्म हो जाएगी, सब बेकार हो जाएगा तो कोई लड़ाई करवाएगा? कोई नहीं।

सबको सद्बुद्धि आ जाये, अच्छी बातों को अपना लें तो विश्व युद्ध टल जाएगा नहीं तो विश्व युद्ध अवश्यंभावी

अभी तो हाथ जोड़ा जा रहा है राष्ट्रपतियों से, प्रधानमंत्रियों से विश्व के जिम्मेदारों से, बड़े-बड़े अधिकारियों से, सेना अध्यक्षों से कि भाई इसको टालो, दूसरे की, सैनिकों की जान को बचाओ, उनके बच्चों पर रहम करो, जनता के धन-संपत्ति को बचाओ, व्यवस्था को अस्त-व्यस्त मत होने दो। समझ में तो आ रहा है लेकिन अगर कोई एकदम पैर में टकराएगा तो ठोकर तो मारना ही पड़ेगा। अगर सबको सद्बुद्धि आ जाए और अच्छी बातों को अपना लें और शांति का वातावरण बना लें तो विश्व युद्ध टल जाएगा नहीं तो विश्वयुद्ध अवश्यंभावी है।

राम और कृष्ण ने भी खूब समझाया, नहीं माने तो विनाश उनको करवाना ही पड़ा

बहुत समझाया कृष्ण भगवान ने, मान जाओ, मान जाओ, राम भगवान ने भी खूब समझाया। नहीं माने फिर तो विनाश उनको करवाना ही पड़ा। विनाश होगा ही होगा लेकिन जब तक टल जाए हम चाहते हैं टल जाए, टाले रहो। कभी ऐसी स्थिति बन जाती है कि टल ही जाता है, संकट टल ही जाता है। हमारी तो यही प्रार्थना है उस सर्वशक्तिमान से की जनधन हानि न हो।

सन्त उमाकान्त जी के वचन

फल की प्राप्ति के लिए कर्म व विश्वास जरूरी है। मत पढ़ो नमाज जब हो नापाक। मन में जैसा भाव आता है वैसी ही प्रवृत्ति होती है। जड़ की पूजा करने से चेतन नहीं मिल सकता। चेतन से चेतन की पूजा करने से चेतन मिलता है। जड़ पूजा करने से जीवात्मा का कोई फायदा नहीं होता। यह काल का देश है, वह किसी को छोड़ता नहीं है, एक दिन सबका प्राण हरण करता है।

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