शराब और जानवरों के कटने का रुपया टैक्स के रूप में आता है इसलिए सरकारी धन पाप का धन है और उपयोग के लायक नहीं है : बाबा उमाकान्त जी महाराज


  • सरकार को शराब की इनकम से ज्यादा खर्च होता है शराब पीकर किये अपराध में

इंदौर (मध्य प्रदेश)। कर्मों के गहन विधान जिससे अवतारी शक्तियां भी नहीं बच पाई, जिसकी वजह से अनजान में मनुष्य पाप का भागी बनता जा रहा है और फिर बुरा फल भोगना पड़ता है, उसे सरल शब्दों में समझा-बता कर पाप और उसकी सजा से बचाने वाले इस समय के जीवित पूरे समरथ सन्त सतगुरु उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने 30 मार्च 2022 को प्रातःकालीन बेला में इंदौर आश्रम में दिए व यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित संदेश में बताया कि सरकारी धन अच्छा नहीं होता है। बकरा, भैंसा, मुर्गा, गऊ, बैल आदि काटने का, शराब का रुपया टैक्स के रूप में आता है सरकार के पास। ये उसको खर्च करते हैं। वो टैक्स का धन पाप का धन होता है। पाप का धन नहीं खाना चाहिए।

शराब की इनकम से ज्यादा इसको पी करके जो अपराध करते हैं उसमें होता है ज्यादा खर्च : शराब से जो अपराध होता है उसमें जो खर्च करते हैं, वह शराब की इनकम से ज्यादा खर्च होता है। उसमें लोगों की जान भी चली जाती है और इज्जत भी खत्म हो जाती है। शराब के नशे में ही कत्ल, व्यभिचार, अपराध करते हैं। जिसकी इज्जत चली जाती है, जिसकी जान चली जाती है, उसको और घर वालों को भी परेशानी होती है। साथ ही जो बेचारे पेट के लिए, बच्चों की परवरिश के लिए दिन-रात दौड़ते रहते हैं, तनख्वाह पाने वाले अधिकारी, कर्मचारी, पुलिस के सिपाही सबको तकलीफ, कष्ट होता है। एक का चार खर्च होता है।

शराब अगर बंद कर दे तो बहुत कुछ अमन-चैन हो जाएगा : उसमें अगर कोई आया तो कहा अब नई दुकान नहीं खुलेगी। सरकार बदल गई और दूसरी सरकार ने कहा सारी आमदनी तो शराब से ही है, शराब की दुकानें घर-घर खोल दो, तवज्जो दे दो, बढ़ावा दे दो। कहते हैं शराब अनाज का है, फल-फूल का है, इसमें दोष नहीं लेकिन जब पीकर अपराध, मारपीट, खून करता है, दिल दुखाता है, उसको पाप लगता है।

मांगना है तो सतगुरु से मांगो, जो सारे संसार को देते हैं, जिनसे देने वाला भी इस समय मांगता है : जो लालच करते हो, यह हमको सरकारी अनुदान या छूट दिला देंगे या हमारा घर बनवा देंगे, यह-वह कर देंगे लेकिन वह अच्छा पैसा नहीं होता है। इसलिए मांगना ही है तो उससे मांगो जो सबको देता है। जिससे देने वाला भी इस समय मांगता है, उसी से मांगो, गुरु से मांगो, वह आपको देंगे प्रेमियों।

सन्त उमाकान्त जी के वचन : लालच नहीं करोगे तो ठगों से बच जाओगे। जीव मारने की सजा मिलेगी, नर देही फिर नहीं मिलेगी। सच्ची इबादत में दुनिया की चीजों की ख्वाहिश नहीं होती। सौभाग्य से ही सन्त सतगुरु मिलते हैं। सोचो! मौत के बाद कहाँ जाएंगे। जय गुरु देव नाम प्रभु का, मौत के समय पीड़ा इसी नाम से कम होगी। यह तन दुर्लभ तुमने पाया, कोटि जनम जब भटका खाया।

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