बांदा जनपद की तीन मुख्य खबरों को पढ़ें एक नजर में

 

कांग्रेस नेताओं को प्रताड़ित कर रही ईडी

  • कांग्रेसियों ने राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन एडीएम को सौंपा

बांदा। शुक्रवार को जिला व शहर कांग्रेस कमेटी ने देश के राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजकर पार्टी की नेता सोनिया गांधी व राहुल गांधी से ईडी द्वारा की जा रही पूछताछ को बंद कराने की मांग की है। कांग्रेस नेताओं ने कहा है कि यह कार्रवाई दुर्भावना से कराई जा रही है। यह गंभीर प्रताड़ना और अमानवीय है। जिला कांग्रेस अध्यक्ष  प्रद्युम्न कुमार लालू दुबे के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को जिला अधिकारी के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा। इसमें कहा गया है वर्तमान भाजपा सरकार हमारे दोनों नेताओं को कुचलने के कुचक्र चला रही है।

इस अन्याय को रोकें एवं हस्तक्षेप करे। सोनिया गांधी लम्बे समय से बीमार चल रही है, ईडी की इस कार्यवाही से वह गहरे सदमें में है। बार बार नोटिस देकर पार्टी नेताओं को तलब किया जाना, आठ आठ घंटे पूछताछ प्रताड़ना की परिधि में आता है। हमारे पार्टी नेताओं को टार्चर करना एवं उन्हें अपमानित कराकर यह भाजपा सरकार देश वासियों को क्या संदेश देना चाहती है। इसे रोके हस्तक्षेप करे, आप देश के सर्वाच्च पद पर आशीन है देश वासी आप पर भरोसा रखते है। 

ईडी की इस प्रताड़ना से करोड़ो भारत वासी व कांग्रेस जन सहमे हुए है। इस जुल्म अत्याचार को रोका जाये। इस दौरान जिलाध्यक्ष कांग्रेस कमेटी प्रद्युम्न कुमार लालू दुबे, अखिलेश शुक्ल, राजेश गुप्त पप्पू, केशव पाल, द्वारिकेश मंडेला, बल्देव वर्मा असरफ उल्ला, सीताराम कोटार ,नाथूराम सेन, केपी सेन, शिव बली सिंह, सुखदेव गांधी, संतोष द्विवेदी, अशोक बर्धन, रमेश गुप्ता, रफत खान गोगा, सुनील यादव, राकेश सिंह फौजी, राम हित निषाद आदि कांग्रेस जन शामिल रहे।


श्रीकृष्ण और सुदामा के मिलन देख दर्शक हुए भाव विभोर

अतर्रा/बांदा। कस्बे के नरैनी रोड नगर पालिका के समीप मालिक सदन पर चल रही संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा के सातवें एवं अंतिम दिन भागवत आचार्य डा. शिव प्रसाद शुक्ला ने सुखदेव जी की विदाई,  श्रीमद् भागवत कथा आवरण,  सुदामा चरित्र का प्रसंग सुनाया। भगवान राधा कृष्ण के भजन सुन श्रोता मंत्रमुग्ध हो गए। फूलों की होली खेलकर  कार्यक्रम के समापन की घोषणा हुई।

मध्य प्रदेश से आए हुए कथा व्यास डा. शिव प्रसाद शुक्ला ने बताया कि गुरु के साथ कपट और मित्र से चोरी करने वाला व्यक्ति दरिद्र होता है। बताया कि आश्रम में शिक्षा ग्रहण करने के दौरान सुदामा ने मित्र कृष्ण की नजर बचाकर गुरु के दिए चने अकेले ही खा लिए, जिस कारण वह दरिद्र हुए। न सुदामा ने जब पत्नी को कृष्ण की दोस्ती के बारे में बताया तो उन्होंने जीवन निर्वाह के लिए कृष्ण से धन लाने को कहा। द्वारिका पुरी में भगवान कृष्ण ने आंसुओं से उनके पैर धो डाले और अलौकिक वरदान देकर घर भेजा।

कथा के उपरांत कथा श्रोता सरजू ने व्यासपीठ की आरती उतार कर प्रसाद वितरित कराया। आयोजक मृत्युंजय द्विवेदी ने बताया शनिवार को हवन के बाद ब्राह्मण भोज, भव्य भंडारे का आयोजन आयोजित किया जाएगा। इस दौरान कथा में पूर्व ब्लाक प्रमुख राजकुमार गौतम,  डॉ शिवदत्त तिवारी (कानपुर), विधिक सलाहकार ब्रह्मदत्त शुक्ला, रमाकांत चौरिहा, कुलदीप द्विवेदी, महेंद्र उपाध्याय, रज्जन चौरिहा, नरेंद्र ओझा, हनुमान सिंह, अजय द्विवेदी, दिनेश गुप्ता, हर्षवर्धन तिवारी, केके दीक्षित, अमित भारद्वाज, सहित 2 सैकड़ा से अधिक महिलाएं पुरुष भक्त उपस्थित रहे।

श्रीमद् भागवत कथा का श्रोताओं ने किया रसपान

ओरन/बांदा। नगर के प्रसिद्ध तिलहर माता मन्दिर परिसर मे चल रही श्रीमदभागवत कथा के दूसरे दिन श्रोताओं ने सुंदर भागवत कथा का रसपान किया। श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के द्वितीय दिवस  कथा व्यास आचार्य श्री शशिकांत त्रिपाठी जी के सुंदर मुखारविंद से भक्तों ने श्रीमद् भागवत कथामृत का रसपान किया। कथा वाचक श्रीमद्भागवत महापुराण में शौनकादि द्वारा पूछे गए इस प्रश्न ‘के के विशुद्धयन्ति’ के उत्तर में धुंधकारी जैसे पापात्मा दुराचारी को भी भागवत कथा सत्संग से भगवान की परम गति प्राप्त हुई, इस कथा का विधिवत वर्णन किया। इसके अलावा राजा परीक्षित के श्राप की कथा, नारद जी के पूर्व जन्म की कथा का वृतांत सुनाया बताया कि, किस प्रकार नारद जी दासी पुत्र होकर के भी भगवान की कृपा से देवर्षि बने तथा ब्रह्माजी के मानस पुत्र के रूप में प्रकट होकर के संसार में कल्याण का मार्ग प्रशस्त किया। 

परम पूज्य त्रिपाठी जी ने बताया कि अनुराग और विराग दोनों एक साथ नहीं हो सकते, संसार के साथ अनुराग और संसार के साथ विराग संभव नहीं, तथा भगवान से अनुराग और संसार से विराग संभव है। अतः गृहस्थ को चाहिए कि संसार से विराग कर भगवान में अनुराग करें। गृहस्थ जीवन को छोड़कर भगवान के चरणारविन्दों पर मन लगाने हेतु कथा व्यास ने भक्तों को आहूत किया। कथा यजमान दरबारी कुशवाहा, श्रोतागण पंडित राम नरेश, रमाकांत त्रिपाठी, साकेत बिहारी, आशू शिवहरे, राम औतार कुशवाहा, शिवकुमार कुशवाहा, चुन्नू कुशवाहा, रामहित  सहित सैकडो की संख्या में नगर वासी भक्तगण मौजूद रहे।

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