लखनऊ। शहीद भगत सिंह की 115 वीं जयंती के अवसर पर इंसाफ मंच व ऐपवा लखनऊ के द्वारा आयोजित सभा को सम्बोधित करते हुए ऐपवा प्रदेश सहसचिव मीना सिंह ने कहा कि भगत सिंह के जिन क्रांतिकारी विचारों से डरकर ब्रिटिश साम्राज्य वादी हुकूमत ने उन्हें भौतिक रूप से मिटाने में अपनी भलाई समझी थी, उन विचारों को छुपाने या मिटाने की कोशिश नए शासक वर्ग ने भी भरसक की है। मीना सिंह ने कहा कि भगत सिंह सिर्फ साम्रज्यवाद से ही मुक्ति नहीं चाहते थे बल्कि वे सामंतवाद, जातिवाद और साम्प्रदायिकता से भी मुक्ति चाहते थे। वे एक ऐसा देश बनाना चाहते थे जहाँ मनुष्य का शोषण मनुष्य के द्वारा न हो। किसी भी इंसान की पहचान उसके जाति या धर्म से न हो। वे मेहनतकशों , किसानों व मजदूरों का राज्य बनाना चाहते थे। साम्प्रदायिकता को वे देश और समाज के लिए सबसे बड़ा खतरा मानते थे। भगत सिंह गैरबराबरी को मिटाकर मजदूरों-किसानों का समाजवादी राज बनाना चाहते थे जहां किसी का शोषण-उत्पीड़न न हो। आज़ादी के 75 साल बाद भी शोषण मुक्त समाज का निर्माण तो नहीं ही हो पाया है लेकिन कार्पोरेट - पूंजीपतियों का राज कायम किया जा रहा है।
मीना सिंह ने कहा कि बलात्कार व हत्या जैसे जघन्य अपराध, जिसमे एक 3 साल की बच्ची की हत्या भी शामिल है, के कातिलों को आज़ाद भारत में भाजपा शासित राज में माफी दे दी गयी और फूल-माला पहनाकर उनका स्वागत किया गया। सभा को सम्बोधित करते हुए इंसाफ मंच के अध्यक्ष आर बी सिंह ने कहा कि पूरे देश में दलितों, गरीबों, आदिवासियों और महिलाओं पर हिंसा व दमन की जैसे बाढ़ आ गयी है। NCRB के रिपोर्ट के अनुसार महिला और दलित हिंसा में उत्तर प्रदेश नंबर एक पर है। गैर - बराबरी और छुआछूत आज भी समाज में कायम है। उदाहरण के तौर पर हम औरैया की घटना को देख सकते है। जहां एक अध्यापक ने 15 साल के दलित परिवार से आने वाले एक छात्र को इतना पीटा कि कुछ दिन पहले उसकी मौत हो गई।
सभा को सम्बोधित करते हुए इंसाफ मंच के उपाध्यक्ष प्रद्दुम्न ने कहा कि नई शिक्षा नीति के कारण शिक्षा अब दलितों , गरीबों और लड़कियों के पहुंच से बाहर हो गई है। उन्होंने कहा कि गरीबों और दलितों को शिक्षा से वंचित किया जा रहा है जबकि सरकार को सभी को शिक्षा मुफ्त में देनी चाहिए क्योकिं पढ़ेगा इंडिया तभी तो विश्वगुरु बनेगा इंडिया। सभा का संचालन करते हुए इंसाफ मंच के सचिव ओमप्रकाश राज ने कहा कि मोदी सरकार देश के नौजवानों को रोजगारी देने में पूरी तरह से असफल रही हैं। जिसके कारण देश के नौजवान आत्महत्या करने के लिए विवश हो रहे है । साथ ही महंगाई ने आम जनता का जीवन दूभर कर दिया है। सभा मे कारपोरेट-साम्प्रदायिक-फासीवादी निज़ाम के खिलाफ लड़ते हुए शहीदों के सपनों को पूरा करने का संकल्प लिया गया।सभा में आकाश, अनीता, राम खेलावन, मीना, U B siddiqui, A N Singh, राम अवतार, ओमकार राज आकाश राना व राम बख़्श जी आदि प्रमुख लोग शामिल हुए।
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