बाबा उमाकान्त जी ने बताया बह्मचारी का मतलब

  • छोड़ो व्यभिचार बनो ब्रह्मचारी, सतयुग लाने की करो तैयारी

उज्जैन (म.प्र.) । निजधामवासी परम सन्त बाबा जयगुरुदेव जी के एकमात्र आध्यात्मिक उत्तराधिकारी जिनमें ही पूर्व के सभी सन्त सतगुरु समाए हुए हैं, जिनकी दया कृपा से ही इस समय कलयुग में जीवात्मा का उद्धार हो सकता है, जिन वक़्त के सतगुरु की महिमा बाबा जयगुरुदेव अपने सतसंगों में कई बार बताते समझाते रहे, आदि काल से चले आ रहे पांच नामों का नामदान देने में सक्षम, सतयुग को इस धरती पर लाने में लगे, अध्यात्म के साथ-साथ भौतिक लाभ भी दिलाने वाले इस समय के पूरे समर्थ सन्त सतगुरु बाबा उमाकान्त जी महाराज ने 1 अक्टूबर 2022 प्रातः लक्ष्मणगढ़ सीकर (राजस्थान) में दिए व अधिकृत यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित संदेश में बताया कि निकलने का वक्त आ गया नहीं तो अभी यह जो गुरु महाराज का लगाया हुआ बगीचा है। इसको लोग सुखवा देंगे। जब बहुत ज्यादा अधर्म, पाप हो जाता है तब इन सब प्रचारों की जरूरत पड़ती है। आप जब जाओगे समझाओगे लोगों को और समझ में आ जाएगा। एकै साधे सब सधे, सब साधे सब जाए। बस यही गुरु के वचन को पकड़ लो, प्रभु को प्राप्त कर लो। 

बह्मचारी का मतलब क्या होता है?

ब्रह्मचारी का मतलब क्या होता है? ब्रह्म में विचरण करने वाला, ऊपरी लोकों में आने-जाने वाला। ऐसे जब लोग बन जाएंगे तब उनकी रक्षा हो जाएगी। कहा गया है-

बज रहा काल का डंका, कोई बचने न पाएगा। बचेगा साध जन कोई, जो सत से लौ लगाएगा।।

जो सत से प्रभु से लौ लगाएगा, वही बचेगा। लोगों को बताओ, समझाओ, शाकाहारी बनाओ, समझा कर के नाम दान दिलाओ। नामदान जिनको मिल गया, सुमिरन ध्यान भजन समझाओ। खुद भी करो और उनको भी करवाओ। इस समय पर यह जरूरी काम है। जैसे जरूरी चीजों को आप याद रखते हो, ऐसे इसको भी याद कर लो और अपने 24 घंटे के काम में इसको भी जोड़ दो।

कर्म काटने के लिए प्रचार प्रसार करते रहो

प्रेमियों! बराबर आप लोग नाम ध्वनी बोलना, ध्यान भजन करना और शरीर से जो भी कर्म बन गए हैं उनको काटने के लिए प्रचार प्रसार करना। तन से, मन से, धन से बुरे कर्म बनते हैं। इसलिए सन्तों ने तन मन धन की सेवा का विधान बनाया है। बराबर देश प्रेम बनाए रखना। देश की संपत्ति को अपना समझना। और अधिकारियों कर्मचारियों का सम्मान करना, हो सके तो उनकी मदद कर देना। भूखे, नंगे को रोटी कपड़ा (आपके पास) है तो दे दो। यह सब रचनात्मक काम भी आप लोग करते रहो। भोजन बांटने का, कपड़ा देने का आदि जो भी जैसे चल रहा है, चलाते रहो। साप्ताहिक, मासिक सतसंग, ध्यान भजन यह सब जो सामूहिक चल रहा है, बराबर करते रहो जहां संगते हैं। जहां नहीं हो रहा है वहां चालू करवा दो।

जो कुछ भी करो सीख कर करो

महाराज जी ने 29 सितंबर 2022 प्रातः हिसार (हरियाणा) में दिए संदेश में बताया कि आप जो भी कारोबार करते हो मेहनत ईमानदारी से करना। आप अगर हमसे पूछोगे कारोबार कर लें तो हम यही कहेंगे जो कुछ भी करो, सीख करके करो। बच्चों पढ़ाई लिखाई जब कर लो तो कोई न कोई काम कर लो, खाली मत बैठो। बहुत ऊंचे ख्वाब मत देखो। फिर जब मेहनत करोगे, कुछ कमाने लगोगे, आने लगेगा तो आगे बढ़ जाओगे।

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