- ऐतिहासिक बाबा जयगुरुदेव मंदिर शिलान्यास कार्यक्रम में 8 दिसम्बर को सभी को सपरिवार सादर आमंत्रण
बावल (हरियाणा)। हर तरह से उपाय युक्ति बहाने निकाल कर अपने भक्तों के कर्मों को कटवाने की आसान से आसान व्यवस्था करने वाले, सन्तमत के व्यापक प्रचार-प्रसार में निरंतर बढ़ोतरी करने वाले, काम तो सब खुद ही कर चुके हैं लेकिन श्रेय अपने भक्तों को दिलाने वाले, इशारों में गहरी से गहरी बात बता देने वाले, जिनके दरबार से कभी कोई याचक खाली हाथ नहीं जाता, न केवल दुनिया के अभावों को पूरा करने वाले बल्कि अंतर कि आध्यात्मिक साधना में भी जबरदस्त तरक्की देने वाले इस समय के महापुरुष, पूरे समरथ सन्त सतगुरु उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने 2 दिसम्बर 2022 प्रात: बवाल आश्रम, रेवाड़ी (हरियाणा) आश्रम में दिए व अधिकृत यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित संदेश में बताया कि अभी लोगों के पास जब खबर जाएगी कि पूजन हो गया और 8 दिसम्बर पूर्णिमा को शिलान्यास होगा तो अभी तो बहुत लोग आएंगे। प्रेमी अपनी योजना बना रहे हैं, योजना के अनुसार काम यहां पर शुरू हो जाएगा। आप लोग अगर लाठी लगा दोगे तो जल्दी काम हो जाएगा जैसे गोवर्धन कृष्ण ने उठाया था, गोपी ग्वालों ने लकड़ी लगाई थी। गुरु महाराज बनाएंगे, किससे? जिस पर उनकी दया होगी। लेकिन दया के साथ आप भी तन, मन, धन से जुड़ जाओगे तो जल्दी हो जाएगा, जल्दी बन जाएगा।
अभी तो हम कुछ नहीं बताना चाहते हैं कि यहां से लोगों को क्या लाभ मिलेगा
वह तो समय आएगा तब बताऊंगा लेकिन अभी तो इतना बता देता हूं कि अभी से जो भाव भक्ति से शाकाहारी लोग आएंगे और यहां पर मत्था टेक करके जाएंगे वो खाली नहीं जाएंगे, कुछ न कुछ लाभ सबको मिलेगा। अभी अपने सब प्रेमी लोग नहीं आ पाए क्योंकि उज्जैन जैसी बड़ी जगह है नहीं। वहां कार्यक्रम में एक-दो-दस लाख के आने की हमें कोई परवाह नहीं। आते ही हैं। प्रेमियों ने उज्जैन आश्रम पर एक लाख आदमीयों द्वारा शाकाहारी बनने का संकल्प बनाने का विश्व रिकॉर्ड बनाया। जगह, ठंडी व्यस्तता आदि देखते हुए लोगों ने यह निर्णय लिया है कि 8 दिनों में बारी-बारी चलेंगे। लोग आएंगे तो दया रही तो उनको भी सतसंग, सेवा का उनको भी लाभ मिल जाएगा। ध्यान भजन करेंगे तो दया का अनुभव उनको भी हो सकता है। अच्छे काम के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए।
कई-कई जन्मों के कर्म एक घंटे के सपने में सन्त कटवा देते हैं
इस भीड़ में बैठे हुए मिल जाएंगे। आप न खोज पाओ तो मैं बता दूंगा। गुरु महाराज के जाने के बाद रो रहे थे, साधना-वाधना करना कुछ नहीं जानते थे। अभी क्या करते हैं वह तो गुरु महाराज जाने लेकिन गुरु के नाम पर मरने-मिटने के लिए तैयार। मोटा लंबा तगड़ा शरीर लेकिन कह दो तो 60-70 फिट ऊपर झंडा बांध करके चले आएंगे, गुरु का नाम लिख करके, पोस्टर लगा करके चले आएंगे, गुरु के नाम पर रोए तब अंदर में गुरु महाराज ने दर्शन दिए तब उनको संतुष्टि हो गई। जैसे कहा गया कि कर्मों को सन्त कटवाते हैं। कई-कई जन्मों के कर्म एक घंटे की सपने में कटवा दिया। सपने में भी दया दे देते हैं। आपको भी हो सकता है। जब दर्शन लाभ की इच्छा करोगे तो किसी न किसी रूप में आपको दर्शन हो जाएगा, संतुष्टि हो जाएगी।
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