ईश्वर के प्रति गोपियों का अद्भुत प्रेम : आलोकानंद



बाराबंकी जिले के सिद्धौर ब्लॉक के कन्हवापुर ग्राम सभा में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के छठवें दिवस  श्री अयोध्याधाम से पधारे सनातन संवाहक आलोकानंद व्यास जी ने कहा की ईश्वर के प्रति गोपियों का अद्भुत प्रेम है,महारास के बाद क्षण भर के लिए भगवान अदृश्य हुए की गोपियों का हाल बेहाल हो गया और उन्होंने 43 पंक्तियों का एक गीत गाया, जिसे गोपी गीत कहते हैँ मान्यता ये है की गोपीगीत का पाठ करने से भगवान श्रीकृष्ण अत्यधिक प्रसन्न होकर भक्तों पर कृपा करते हैँ।  सनातन संवाहक आलोकानंद जी ने कहा की संसार में जितनी भी वस्तुएं हैँ सब नष्ट होने वाली हैँ,चाहे वो निर्जीव हो या सजीव,व्यक्ति को केवल ईश्वर को ही अपना सहारा समझना चाहिए। 

सनातन संवाहक आलोकानंद व्यास जी ने  छठवें दिवस में गोपियों के अद्भुत प्रेम,भगवान श्रीकृष्ण के विवाहोत्सव व अन्य कथाओं को श्रवण कराया। श्री शुकदेव जी महाराज के मुखारविंद से राजा परीक्षित ने श्रीमदभागवत कथा को श्रवण कर अपना मानव तन सार्थक किया, इस मौके पर आचार्य श्री राधेश्याम शास्त्री जी, कथा के मुख्य यजमान  गौकरण, ऋषि मिश्रा, लोकभारती समाचार पत्र के जिला संवाददाता, प्रवीण तिवारी, स्थानीय संवाददाता रणविजय सिंह, अमन राजपूत, देवानंद तिवारी, अनूप तिवारी, गोपाल जी व सैकड़ो भक्त उपस्थित रहे।

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