बराबर सतसंग सुनते देखते पढ़ते रहना चाहिए - बाबा उमाकान्त जी महाराज

सामूहिक रुप से ध्यान भजन करने का बड़ा फायदा होता है, समय से और देर तक करो

परमार्थी कार्य बराबर करते रहो

उज्जैन (म.प्र.)। निरंतर इस मन को गुरु के वचनों की चोट पड़ती रहे उसका उपाय बताने वाले, कम मेहनत में ज्यादा लाभ प्राप्त करने का तरीका बताने वाले, अपने असला काम को प्राथमिकता से करने की शिक्षा देने वाले, दीन और दुनिया दोनों बनाने वाले, आगे आने वाले खराब समय में भक्तों को कमी न हो, उनकी रक्षा हो जाए इसके लिए इंतजाम करवाने वाले इस समय के युगपुरुष, पूरे समरथ सन्त सतगुरु, दुःखहर्ता, त्रिकालदर्शी, दयालु, पूरे पहुंचे हुए उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने 10 अगस्त 2021 में दुजोद आश्रम, सीकर (राजस्थान) में दिए व अधिकृत यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित संदेश में बताया कि काम क्रोध लोभ मोह अहंकार इस समय पर बहुत प्रबल हो रहा है। इसीलिए कहा गया कि सतसंग बराबर सुनते, देखते, पढ़ते रहना चाहिए। उससे आदमी के अंदर परिवर्तन आता है, दुनिया की तरफ से लगाव हटता है, गुरु के वचन याद करके मन परमार्थ की तरफ लगता है। 18 जुलाई 2021 प्रातः जयपुर में बताया कि मान लो सब जगह सतसंग सुनाने वाले नहीं मिलते हैं तो सन्तों की वाणी को पढ़कर के उसको सुना, समझा सकते हो। तो प्रेमियों! बराबर साप्ताहिक सतसंग में आने की, लोगों को लाने की आदत बनाए रखो।

सामूहिक रुप से ध्यान भजन करने का बड़ा फायदा होता है

महाराज जी ने 29 मार्च 2021 प्रातः उज्जैन आश्रम में बताया कि मैं रहता हूं तो सुनाता ही रहता हूं। ज्यादा सतसंग सुनने की जरूरत नहीं है, सतसंग में जो चीज सुनाई जाए, जब जानकारी हो जाए तब उसे करने की जरूरत है। तो आप जितने भी नाम दानी हो, सब लोग सुमिरन ध्यान भजन नित्य करो। यहां आश्रम पर रहते हो तो यहां तो सुबह-शाम बैठते ही हो, करते, आते ही हो। और जो नहीं आते हो, उनको आना चाहिए। सामूहिक रुप से ध्यान भजन करने का बड़ा फायदा होता है। यहां (साधना स्थल पर) बैठकर करने में छोटापन, दीनता आती है। ऐसे छोटापन नहीं आता है। यह दीन बनने का रास्ता है। दीन जानकर करे निवेरा, जो सच्चे मन से हेरा। छोटा बन गए, सबके बीच में बैठ गए। यहां पर (आकर साधना में बैठने पर) नियम बन जाता है कि इतना देर तो बैठना ही बैठना है। जब आपको यह मालूम है कि यह पढ़ाई-लिखाई, योग्यता, शारीरिक बल आदि जीवात्मा का साथ नहीं देगा, यह सारी चीजें यहीं छूट जाएगी, ये जीवात्मा को फंसाने के लिए जो मन के साथ जुड़ी हुई है, मन के कहने में, मान-सम्मान के अहंकार में इसको फंसाना नहीं चाहिए तो बराबर बैठना चाहिए, सबके साथ बैठना चाहिए।

सुमिरन ध्यान भजन समय से और देर तक करो

महाराज जी ने 27 मार्च 2021 सायं उज्जैन आश्रम में बताया कि सुमिरन ध्यान भजन मन को रोक करके करो, समय से करो और देर तक करो। देर तक बैठोगे तो मन थक जाएगा, मर जाएगा। और मन के कहने पर अगर शरीर को उठा दोगे, खाओगे पियोगे, मन द्वारा दुनिया की चीजों की इच्छायें पैदा करने पर उसके लिए जब दौड़ोगे तो बुद्धि उस समय खराब हो जाएगी, ठीक से काम नहीं करेगी। बजाय इधर के, उधर ही बुद्धि लग जाएगी। और मन के कहने पर जब काम नहीं करोगे तब बुद्धि काम करेगी कि जो सुना जाए, उसको किया जाए। जिसमें भलाई है, वह काम करने से बात बनेगी। जिससे दीन और दुनिया दोनों बन जाए, वो काम करने के लिए बुद्धि कहेगी और आप बुद्धि लगाओगे।

यह कार्य बराबर करते रहो

महाराज जी ने 24 अगस्त 2021 मनोहरपुर जयपुर में बताया कि साप्ताहिक सतसंग, रोज का ध्यान भजन और रोज सुबह-शाम की नामध्वनि जो आप लोग चलाते हो, जो पूर्णिमा को भंडारा करते हो, लोगों को खिलाते हो, बराबर चलाते रहो। त्रयोदशी को गुरु महाराज का वार्षिक भंडारा होता है। अब पिछले महीने से हर महीने त्रयोदशी को यह गुरु महाराज का मासिक भंडारा जगह-जगह पर होने लग गया। गुरु महाराज का शरीर त्रयोदशी के दिन छूटा था, उसका भंडारा चल रहा है तो वह भी बराबर चलता रहेगा। जितना हो सके, परमार्थी काम करते रहो। रोटी खिलाना, पानी पिलाना पुण्य का काम होता है। हो सके तो किसी की मदद कर दो। किसी का बुरा मत चाहो। किसी तरह का ऐसा काम नहीं होना चाहिए, जिससे किसी का नुकसान हो, किसी के दिल पर ठेस पहुंचे। ऐसा कोई काम आप लोगों को नहीं करना है।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ