जल्दी काम पूरा कर लो, नहीं तो कुदरत का थप्पड़ लगने पर गाल सहलाओगे : बाबा उमाकान्त जी महाराज



योजनाबद्ध तरीके से काम करने पर ज्यादा कामयाबी मिलती है

अपने-अपने स्तर के लोगों को समझाओ

उज्जैन (मध्य प्रदेश)। दुनिया हो या परमार्थ हो, सभी जगह सफलता प्राप्त करने के सूत्र अपने आध्यात्मिक पुत्रों को बताने वाले, सबको सेवा का अवसर देने वाले, कर्मों के झकोलों से बचाव का प्रबंध पहले से करने वाले, परमार्थ यानी परहित के कामों में लगने और अपने भक्तों को लगाने वाले, पूरे समरथ सन्त सतगुरु, परम दयालु, त्रिकालदर्शी, दुःखहर्ता, उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने होली कार्यक्रम में 8 मार्च 2023 प्रात: उज्जैन आश्रम में दिए व अधिकृत यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित संदेश में बताया कि प्रेमियों! तौर-तरीका बदलने, मेहनत करने की जरुरत है। मेहनत कभी भी बेकार नहीं जाती है। जो पढ़े-लिखे या संगतों का काम देखने वाले हो, आप लोग योजना बनाओ। योजना जैसे सरकार को कोई काम जैसे पुल बनाना होता है तो पहले योजना बनाती हैं, जगह नापती है, आदमियों के, इंजीनियर के रहने पानी बिजली की व्यवस्था करती है। तो पहले अधिकारी कर्मचारी इंजीनियर काम करते हैं फिर मजदूर आकर बनाते हैं।

सभी जिम्मेदार लोग, छोटे लोगों का भी अनुभव सुनें

आप जो लोग पढ़े-लिखे लोग हो, गुरु महाराज ने जो अकल बुद्धि आपको दिया, गुरु की दया को आप लोगों के पिता ने मांगा, आपके लिए मांगा, आपके पास बुद्धि दिमाग है, आप लोग इसी तरह से योजना बनाओ। और अपने जिम्मेदार लोग जिनको अनुभव है, उनका अनुभव सुनो। यह जो कार्यकर्ता हैं, जिनको झंडा पकड़ा दो तो रात भर प्रचार करते रहेंगे, खड़ा कर दो तो चाहे ठंडी हो या गर्मी, पहरा लगाते रहेंगे, ये हमारे जो गुरु महाराज के दूत हैं, ये काम करेंगे। 

अपनी रैंक वाले आदमी को समझाएं

मान लो गाँव के थोड़ा कम पढ़े-लिखे लोग हो तो शहरों के ज्यादा पढ़े-लिखे को क्या, कैसे समझाओगे? लेकिन जब योजना बनी रहेगी, बनाने वाले ऐसी योजना बना देंगे कि तुम इस तरह का काम देखो, ऐसा काम करो, उसमें आप कामयाब हो जाओगे। बाकी जो जिस रैंक के हो, वो अपनी रैंक वालों को पकड़ो, समझाओ। हर आदमी हर काम को नहीं कर सकता है इसलिए जो आपके लायक काम है, वह करो।

जो जिस काम के विषय में जानते हैं वही काम करें

हमारे यहां तैयारीयां जब शुरू होती है, तो सेवा भाव से लोग आते हैं। मान लो कोई गैराज का, कोई बिजली, लकड़ी, लोहे का काम जानता है, वो अगर फावड़ा चलावे, मिट्टी ढोए, सफाई करे तो यह काम तो और लोग भी कर सकते हैं। तो जो काम जो कर सकता है जैसे बिजली लगाने, लकड़ी बनाने, लोहे का काम आदि अपने क्षेत्र के काम में अगर आदमी लग जाए तो ज्यादा काम, ज्यादा तरक्की, जल्दी तैयारी हो जाए। इसी तरह से संगत की भी आपकी योजना बननी चाहिए। योजनाबद्ध तरीके से काम जब होता है तब ज्यादा कामयाबी मिलती है। प्रेमियों! अभी समय है। जिम्मेदार लोग अपनी गोष्ठी करके, योजना बना करके फिर आगे बढ़ो, फिर आगे काम करो, काम को बढ़ाओ। प्रचारक भी अपनी योजना बना लो।

जहां छोटी-बड़ी संगतें है, वहां वैसी ही योजना बने

आपस में राय मिला लो, किस तरह से काम किया जाए। एक जैसा नियम का पालन, एक जैसा काम सब जगह नहीं हो पाता है। जहां छोटी या बड़ी संगत है या बहुत कम लोग हैं वहां उस तरह की योजना बने। आप लोग क्या कर सकते हो- यह खुद सोचो, दूसरों से पूछो, जहां लोग कम हैं या ज्यादा हैं, उन्हीं लोगों से पूछो, फिर योजना बनाकर काम करो। जल्दी से जल्दी काम पूरा कर लो नहीं तो जब लग गया थप्पड़ लप्पड़ तब गाल सहलाओगे या और कोई काम करोगे? समझ लो। इसलिए थोड़ा सा सजग होने की जरूरत है।

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