शेर का बच्चा शेर जैसा पैदा होता है, गीदड़ नहीं, मैं भी अपने गुरु का ही चेला हूँ : बाबा उमाकान्त जी महाराज

हुनर बेकार नहीं जाता, सरकारों को भी बचपन से ही हुनर सिखाना चाहिए

मुंबई। निजधामवासी बाबा जयगुरुदेव जी के आध्यात्मिक उत्तराधिकारी, बच्चों के भविष्य की चिंता करने वाले, धोखे से चेताने वाले, जयगुरुदेव नाम के प्रचारक, संकट में जयगुरुदेव नाम बोलने पर मदद करने वाले, इस समय के महापुरुष, पूरे समरथ सन्त सतगुरु, परम दयालु, त्रिकालदर्शी, दुःखहर्ता, उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने 4 जनवरी 2023 दोपहर ठाने मुंबई में दिए व अधिकृत यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित संदेश में बताया कि अभी भी मैं जो कुछ कर रहा हूं, जमीन जायदाद आश्रम या गुरु महाराज का जो मंदिर बनाया जा रहा है, सब आपके और आपके बच्चों के भविष्य के लिए ही कर रहा हूं। गुरु महाराज भी कहा करते थे, मेरे कोई अपना बच्चा नहीं है लेकिन आध्यात्मिक दृष्टिकोण से तुम सब लोग मेरे बच्चे हो, तुम्हारे बच्चे मेरे बच्चे की तरह से हैं। उन्हीं का चेला तो मैं भी हूं। अरे उन्हीं का तो हूं। जैसे कोई शेर है तो शेर का बच्चा कोई गीदड़ थोड़ी पैदा होता है, शेर जैसा ही होगा। अब यह है कि हमेशा अपने को दीन ही समझता हूं, मैं तो गुरु महाराज के चरणों की धूल, रज भी नहीं हूं। जब कोई लोभ-लालच, दुनिया की चीज नहीं मांगी और केवल दया पर निर्भर रहा तो उन्होंने इस तरह तैयार कर दिया कि आज आपके सामने कुछ कहने लायक हुआ।

हुनर बेकार नहीं जाता है

महाराज जी ने 1 जनवरी 2023 प्रातः उज्जैन आश्रम में बताया कि पेंटर लिखाई करता था, पैसा खत्म हो गया था। देखा कि एक दुकानदार पेंटिंग कर रहा था। गया और कहा कि इसको (अक्षर को) थोड़ा ऐसे कर दोगे तो और अच्छा हो जाएगा। दुकानदार ने पूछा काम जानते हो? बोला जानता हूं। काम करवा लोगे? तो कहा करवा लेंगे। करने लगा। तो उससे बढ़िया किया। पूछा तो बताया कि खाने को पैसा नहीं था, खाने के लिए पैसा दिया। फिर कहा यहीं रह जाओ, हमारा काम करवा दो, बहुत ज्यादा काम का लोड है। तो दो-चार दिन करवाया, पैसा होने पर किराया भाड़ा ले करके चला आया। तो हुनर बेकार नहीं जाता है। हुनर इसीलिए सीखना चाहिए। देखो सरकारों को भी बच्चों को बचपन से ही हुनर सिखाना चाहिए। यह हुनर गुण का खान हो जाता है। यह सुख की खान है।

नक कटा संप्रदाय तैयार हो गया

महाराज जी ने 9 फरवरी 2020 दोपहर बावल रेवाड़ी हरियाणा में बताया कि जो अकाल मृत्यु में मर जाते हैं, डूबकर के वहीं बैठे रहते हैं, वह अपनी टीम बनाते हैं। टीम कैसे बनती है बता दें। एक आदमी का नाक कट गया तो उसने कहा देखो हमको तो भगवान दिखाई पड़ने लग गए। पूछा नाक कटने से भगवान दिखाई पड़ते हैं? बोला हां। तो हमको भी दिखाई पड़ेंगे? बोला हां। उसका भी नाक कटवा दिया। फिर जब भगवान नहीं दिखाई पड़े, शिकायत की तो कहा कि बेवकूफ, नाक कटाने से कहीं भगवान दिखाई पड़ते हैं? अब तो और दो-चार लोगों की नाक कटवा ले, अपनी टीम बन जाएगी। तो एक-दूसरे से कहते गए, पूरा नककटा संप्रदाय तैयार हो गया।

जयगुरुदेव नाम बोलने पर मदद होगी

महाराज जी ने 6 अगस्त 2020 सायं उज्जैन आश्रम में बताया कि अब अगर नजदीक में रहे तो खुद शरीर से पहुंच गए, शरीर से मदद किया। नहीं तो किसी न किसी रूप में मददगार हो गए। इतिहास भरा पड़ा हुआ है। अगर किसी सुनने वाले को विश्वास नहीं हो तो हमारे गुरु महाराज का यह प्रभु का जगाया हुआ जयगुरुदेव नाम है। कहीं भी मुसीबत तकलीफ में आप जयगुरुदेव नाम बोल कर देख लो कि आपकी मदद होती है कि नहीं होती है। इस बात की गारंटी तो मैं नहीं ले सकता कि गुरु महाराज जिस (मनुष्य) शरीर में रहकर जयगुरुदेव नाम को जगाए थे, उसी शरीर में आपको मिल जाएँ लेकिन आप इन बाहरी आंखों से भले ही न देख पाओ, लेकिन आपके सामने अंतर में आकर किसी न किसी रूप में, किसी न किसी में वह ताकत समा करके, आपकी मदद करा देंगे।

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