विश्व के 80% लोगों पर हत्या का पाप लग चुका है -सन्त बाबा उमाकान्त जी महाराज

दूसरी औरतों के साथ बुरा कर्म करने वालो की सजा बहुत सख्त होती है

    मानव हत्या का पाप जल्दी क्षमा नहीं होता है

    उज्जैन (म.प्र.)। कर्मों की गहन गति को जानने वाले, अनजान में दुसरे के कर्मों को अपने उपर नहीं ले लेने के लिए सजग करने वाले, पापों को धोने वाले, काल और माया के हमलों से बचाने वाले, विश्वास दिलाने वाले, नरकों में जाने से बचाने वाले, इस समय के युगपुरुष, पूरे समरथ सन्त सतगुरु, त्रिकालदर्शी, दुःखहर्ता, उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी ने 17 जनवरी 2022 प्रातः उज्जैन आश्रम में दिए व अधिकृत यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित संदेश में बताया कि जीव हत्या बहुत बड़ा पाप है। ये पूरे विश्व में इस समय 16 आना में से 14 आना लोगों को लग चुका है। प्रतिशत में जैसे 80 परसेंट लोगों को पाप लग चुका है। कहा गया- औरु करै अपराधु कोउ और पाव फल भोगु। अति बिचित्र भगवंत गति को जग जानै जोगु। हर कोई पापी नहीं होता है लेकिन सजा वह भी पा जाता है क्योंकि कहीं न कहीं से दूसरे के पाप कर्म आ जाते हैं। बहुत से कर्म ऐसे पाप के हैं जिनका पता भी नहीं रहता है कि यह पाप है और यह हमको लग जाएगा, पता नहीं चलता है।

    मानव हत्या का पाप जल्दी क्षमा नहीं होता है

    महाराज जी ने 31 अक्टूबर 2020 सायं उज्जैन आश्रम में बताया कि सारी हत्या का पाप क्षमा हो जाता है लेकिन मानव हत्या का पाप जल्दी क्षमा नहीं होता है। सन्त भी जल्दी उस पाप को धोना पसंद नहीं करते हैं क्योंकि भारी पाप होता है। आदमी को यह मनुष्य शरीर मिला है जिसके अंदर जीवात्मा बैठी हुई है। ये ऐसा रास्ता है जिस रास्ते से उसको मुक्ति मोक्ष मिल जाना है। अगर वही ढहा गिरा दो फिर वह जीवात्मा, प्रेत योनी में चली जाये फिर प्रेतात्मा बन उसमें भोगे। जब उसका समय पूरा हो जाए तब फिर मनुष्य शरीर मिले और फिर उसको भोगे और फिर गलती बन गई तो नर्क-चौरासी में चली गई तो बहुत बड़ा पाप होता है।

    कुकर्मी महिला पुरुष दोनों की आंखों से जहर निकलता है

    महाराज जी ने 1 जनवरी 2023 प्रातः उज्जैन आश्रम में बताया कि दोनों से जहर चढ़ता है। बच्चियों! यह मत सोचना कि मैं ही जहरीली हूं। पुरुष भी बड़े जहरीले होते हैं। जो कुकर्मी बच्चियां होती है उनमें भी आंखों से जहर निकलता है और पुरुषों में भी होता है। काल अपना दांव लगता है। अच्छी-अच्छी साधक बच्चियों का भी मन विचलित हो जाता है। इनको काल रगड़ देता है। साधकों को माया रगड़ देती है। जो कभी नहीं कर्म किए, वे कर्म भी अच्छे-अच्छे साधक करने लगते हैं। गुरु की दया तो बराबर काम करती है लेकिन पक्का विश्वास होना चाहिए तो गुरु ही प्रेरणा दे देंगे कि यह बात गलत है, इस रास्ते पर तुम गलत जा रहे हो लेकिन माया विश्वास को डगमगा देती है, गुरु से भी डगमगा देती है। काल भी जोर मरता है। वह नहीं चाहता है कि यह जीव जाने पाए, अपने वतन अपने मालिक के पास पहुंच पाए।

    दूसरी औरतों के साथ बुरा कर्म एमएम करने वालो की सजा बहुत सख्त होती है

    महाराज जी ने 29 नवंबर 2020 दोपहर उज्जैन आश्रम में बताया कि दूसरी औरत से बुरा कर्म करने वालों की सजा बहुत सख्त हैं। यहां तो आप प्रेम में एक-दूसरे से मिलते-जुलते हो, आलिंगन कर लेते हो। लेकिन वही जब जलते हुए लोहे से शरीर को आलिंगन कराया जाएगा तो जैसे किसी का शरीर गर्म हो और उसके शरीर से आप छू जाओ तो (आपका शरीर भी) गर्म हो जाता है, बच्चे को बुखार हो, बच्चे को उठाकर के ऐसे आप चिपका लो, सीने से लगा लो तो आपका भी बदन गर्म हो जाएगा, ऐसे ही लोहे से जब जलते हुए छुआते हैं तो शरीर जल जाता है। लेकिन वहां का सिस्टम ऐसा है जले झूलसे और हटाये तो फिर पहले जैसा हो गया। और फिर उसके बाद जब छू आते हैं फिर उसको इतना ही दर्द होता है, चिल्लाता है तो यह सब क्रिया होती रहती है। तो सजा देने के लिए ही नरकों में ले जाते हैं। तो इसको ज्यादा पाप माना गया है तो इससे रहना दूर। इस मानव मंदिर को गंदा मत करना।

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